Targets: इस मामले में दिल्ली की राजनीति और आम आदमी पार्टी (AAP) की भविष्य की स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है। जिस तरह से कैग (CAG) की रिपोर्ट्स एक-एक करके सामने आ रही हैं, इससे साफ है कि आने वाले दिनों में AAP के कई नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मुख्य बिंदु:
- शिक्षा घोटाला:
- शिक्षा नीति, स्कूलों की इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की भर्ती और बजट में घोटाले के आरोप।
- मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी, आतिशी भी जांच के दायरे में।
- AAP के शिक्षा मॉडल की छवि को बड़ा नुकसान।
- सोशल सेक्टर की योजनाएं:
- SC/ST फंड की हेराफेरी के आरोप।
- राजेंद्र पाल गौतम पर सबसे ज्यादा शक।
- पर्यावरण और प्रदूषण:
- कचरा प्रबंधन और पॉल्यूशन पर खर्च में गड़बड़ी।
- पूर्व मंत्री इमरान हुसैन और गोपाल राय जांच के दायरे में।
- श्रम विभाग:
- 3,000 करोड़ का फंड कथित तौर पर फिक्स डिपॉजिट में डालकर पार्टी के खर्चों में इस्तेमाल करने का आरोप।
- गोपाल राय और सत्येंद्र जैन फंस सकते हैं।
- मुख्यमंत्री आवास:
- केजरीवाल के सरकारी बंगले के रेनोवेशन में 33.66 करोड़ का खर्च।
- बजट से 5 गुना ज्यादा खर्च और पारदर्शिता की कमी।
- शराब नीति घोटाला:
- 2,002 करोड़ रुपये के रेवेन्यू लॉस का आरोप।
- गलत लाइसेंसिंग, नीतियों में गड़बड़ी, और कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप।
- सिसोदिया पहले से जेल में हैं, बाकी नेताओं पर भी असर पड़ सकता है।
संभावित असर:
- AAP की छवि को भारी नुकसान हो सकता है, खासकर शिक्षा मॉडल को लेकर।
- कई पूर्व और मौजूदा नेताओं की गिरफ्तारी संभव।
- दिल्ली में BJP सरकार लगातार इन घोटालों को जनता के सामने लाकर AAP को कमजोर करने की रणनीति अपना रही है।
- AAP का पंजाब मॉडल भी सवालों के घेरे में आ सकता है।
अब देखना होगा कि इन आरोपों पर AAP क्या सफाई देती है और BJP इसे आगे कैसे भुनाती है।
आपको क्या लगता है, क्या AAP इन घोटालों से उबर पाएगी?
source internet… साभार….
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