Dearness: नई दिल्ली: देश में रिटेल महंगाई दर में कमी के संकेत मिल रहे हैं। फरवरी में महंगाई दर 4% या उससे नीचे रह सकती है, जो RBI के लक्ष्य के भीतर है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट है।
जनवरी में महंगाई दर 4.31% थी, जबकि फरवरी में इसके और घटने की संभावना है। RBI अप्रैल में रेपो रेट घटा सकता है, जिससे कर्ज लेना सस्ता हो सकता है।
महंगाई दर को लेकर प्रमुख एजेंसियों के अनुमान
संस्था | फरवरी महंगाई दर अनुमान (%) | मुख्य कारण |
---|---|---|
नोमुरा एशिया | 4.0% | सब्जियों की कीमतें घटीं |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 4.1% | टमाटर-आलू के भाव घटे |
इंडिया रेटिंग्स | 3.7% | 7 महीने में सबसे कम |
इक्रा रेटिंग्स | 4.1% | फूड बास्केट पर असर |
खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर घटकर 4% तक आ सकती है।
थोक बाजार में भी सब्जियों की कीमतों में गिरावट दिखी है।
RBI का अनुमान: मार्च तिमाही में महंगाई 4.4% रह सकती है।
महंगाई क्यों घट रही है?
सब्जियों और अनाज की अच्छी उपज
घरेलू मांग में गिरावट
औद्योगिक उत्पादन की लागत स्थिर
डिजिटल भुगतान और बेहतर लॉजिस्टिक्स से लागत में कमी
CPI से तय होती है महंगाई
CPI (Consumer Price Index) रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं के दामों में बदलाव को मापता है।
लगभग 300 उत्पादों की कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई दर तय होती है।
महंगाई का असर:
महंगाई कम → कर्ज सस्ता (होम लोन, कार लोन पर ब्याज दर घट सकती है)
महंगाई ज्यादा → रुपये की वैल्यू घटती है (100 रुपये की क्रय शक्ति सिर्फ 94 रुपये के बराबर होगी)
source internet… साभार….
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