Thursday , 19 June 2025
Home Uncategorized Cultural: रावण के बेटे और बहू के सामने सिर पटकने आते हैं लोग
Uncategorized

Cultural: रावण के बेटे और बहू के सामने सिर पटकने आते हैं लोग

रावण के बेटे और बहू के सामने

Cultural:बैतूल : यह परंपरा भारत की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अनोखा उदाहरण है। रावण के बेटे मेघनाद और उनकी पत्नी सुलोचना की पूजा करना, विशेष रूप से बैतूल में, लोक आस्था और धार्मिक मान्यताओं का प्रमाण है।

🛕 पारंपरिक मान्यताएँ और अनोखी प्रथाएँ

  • मेघनाद और सुलोचना की पूजा:
    ग्रामीणों का विश्वास है कि मेघनाद की पूजा करने से संकट टल जाते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
  • सिर पटकने की प्रथा:
    यह एक आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जिसे लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अपनाते हैं।
  • कद्दू बलि और प्रसाद:
    पूजा के दौरान कद्दू की बलि दी जाती है और उसके टुकड़े प्रसाद के रूप में लोगों में बांटे जाते हैं। लोग इसे बीमारियों के इलाज और पशु-धन की रक्षा के लिए उपयोग करते हैं।

🧑‍🌾 किसानों की आस्था

किसान अच्छी फसल की कामना लेकर मेघनाद बाबा की पूजा करते हैं। फसल अच्छी होने पर वे पुनः आकर प्रसाद चढ़ाकर धन्यवाद देते हैं।

📜 पौराणिक मान्यताओं की झलक

मेघनाद को महाभारत और रामायण में एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में दर्शाया गया है। उनकी पत्नी सुलोचना को सतीत्व और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में उनकी पूजा करना उस सतीत्व और वीरता की मान्यता को दर्शाता है।

source internet…  साभार…

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Census: 2025 की जनगणना में शामिल होंगे नए सवाल: इंटरनेट, मोबाइल, पानी और अनाज पर फोकस

Census: नई दिल्ली | भारत की अगली जनगणना ऐतिहासिक रूप से अहम...

Recreate: सोनम ने इशारा किया, विशाल ने किया पहला वार: शिलॉन्ग पुलिस ने क्राइम सीन किया रीक्रिएट

Recreate: शिलॉन्ग/इंदौर | राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में बड़ा खुलासा हुआ...

Energy Revolution: अंडमान सागर में मिला कच्चे तेल का विशाल भंडार

भारत की ऊर्जा क्रांति की ओर कदम Energy Revolution:नई दिल्ली | ईरान-इजराइल...

Initiative: सीमेंट रोड पर नपा ने लगाए पोल

यातायात व्यवस्थित करने की पहल Initiative: बैतूल। शहर में कोठीबाजार क्षेत्र की...