बाणगंगा हादसे के बाद बड़ा फैसला
Monitoring: भोपाल | भोपाल के बाणगंगा चौराहा हादसे से सबक लेते हुए परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में बसों की फिटनेस और कागजातों की निगरानी के लिए नई तकनीकी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उस दर्दनाक हादसे के बाद लिया गया जिसमें एक महिला डॉक्टर की जान गई थी और जांच में सामने आया कि बस के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था।
🚨 सेंट्रल कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
- भोपाल स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय में एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।
- यह रूम पूरे मध्यप्रदेश की 57 हजार से अधिक बसों पर निगरानी रखेगा।
- कंट्रोल रूम से फिटनेस, परमिट, पीयूसी और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
📊 तीन चरणों में लागू होगा सिस्टम
- पहला चरण: 26 हजार शैक्षणिक संस्थानों की बसें
- दूसरा चरण: 20 हजार यात्री बसें
- तीसरा चरण: 11 हजार औद्योगिक संस्थानों की बसें
🔔 7 दिन पहले अलर्ट देगा सिस्टम
- सॉफ्टवेयर में ऐसा फीचर जोड़ा गया है, जो किसी भी दस्तावेज की वैधता समाप्त होने से 7 दिन पहले अलर्ट देगा।
- उदाहरण: यदि किसी बस का परमिट 15 तारीख को खत्म हो रहा है, तो 8 तारीख से अलर्ट स्क्रीन पर दिखना शुरू हो जाएगा।
- यह सूचना तुरंत संबंधित जिले के आरटीओ को भेजी जाएगी, जो बस मालिक को नोटिस जारी करेगा।
⚙️ एनालिटिकल सॉफ्टवेयर से जुड़ रहा डाटा
- सभी बसों का रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, पीयूसी और VLTD की जानकारी कंप्यूटर डाटाबेस में फीड की जा रही है।
- डाटा को एक एनालिटिकल मॉड्यूल से जोड़ा जाएगा जो अवैध बसों की पहचान करेगा।
🧑⚖️ लापरवाही पर होगी कार्रवाई
- दस्तावेज समय पर अपडेट नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- अलर्ट के बाद नोटिस, और नोटिस के बाद कार्रवाई की स्पष्ट प्रक्रिया तय की गई है।
👤 प्रशासनिक फेरबदल
- भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को हादसे के बाद निलंबित किया गया।
- रितेश तिवारी, जो अभी तक सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी थे, उन्हें भोपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
- नरसिंहपुर जिले का प्रभार अब रमा दुबे, जबलपुर की संभागीय उप परिवहन आयुक्त को दिया गया है।
🗣️ क्या बोले अधिकारी?
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम की जिम्मेदारी एआरटीओ स्तर के अधिकारियों को दी जा रही है।
डिप्टी टीसी किरण शर्मा के अनुसार, यह प्रणाली अलर्ट भेजने के साथ ही बसों की पहचान व दस्तावेजों की वैधता पर स्वत: निगरानी रखेगी।
✅ क्यों है यह जरूरी?
- 57,000 रजिस्टर्ड बसें प्रदेश में चल रही हैं, जिनमें से कई बिना फिटनेस और अनुपयुक्त कागजात के संचालन कर रही हैं।
- समय पर जानकारी मिलने से दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।
- साभार…
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