New Testament:नई दिल्ली | भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब एक नई प्रणालीगत सीमा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने घोषणा की है कि 31 जुलाई 2025 से उपयोगकर्ता UPI ऐप्स के माध्यम से अपने बैंक बैलेंस की जांच प्रतिदिन अधिकतम 50 बार ही कर सकेंगे।
📌 नया नियम क्या कहता है?
NPCI द्वारा 21 मई को जारी सर्कुलर के अनुसार:
- किसी भी UPI-सक्षम ऐप (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm, BHIM आदि) पर बैंक बैलेंस चेक करने की दैनिक सीमा 50 बार तय की गई है।
- 50 बार की सीमा पूरी होने के बाद, उपयोगकर्ता को अगले दिन सुबह तक इंतजार करना होगा।
- यह सीमा सभी बैंकों और ऐप्स पर लागू होगी, विशेष रूप से शीर्ष 10 ट्रैफिक वाले UPI प्लेटफॉर्म पर।
⚙️ सीमा लगाने का कारण क्या है?
NPCI का कहना है कि:
- चरम उपयोग समय (Peak Hours) के दौरान उपयोगकर्ताओं द्वारा बार-बार बैलेंस चेक करने से UPI सर्वर पर भारी लोड पड़ता है।
- इससे ट्रांजैक्शन लेटेंसी, सर्वर स्लोडाउन और विफल लेनदेन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- यह कदम प्रणाली की दक्षता बढ़ाने और UPI नेटवर्क को सुचारू बनाए रखने के लिए जरूरी है।
⏰ पीक ऑवर के दौरान सख्ती
UPI सर्वर पर सबसे अधिक दबाव इन दो समयावधियों में देखा गया है:
- सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
- शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक
इन घंटों के दौरान:
- बैंकों और भुगतान ऐप्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे गैर-आवश्यक बैलेंस चेक अनुरोधों को सीमित करें।
- वास्तविक भुगतान लेनदेन को प्राथमिकता दी जाएगी।
🔁 ऑटो-भुगतान पर असर
- नेटफ्लिक्स, म्यूचुअल फंड SIP, EMI कटौती आदि ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन अब अधिकतर गैर-पीक घंटों में प्रोसेस किए जाएंगे।
- इससे इन भुगतानों में देरी की संभावना कम होगी और उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होगा।
📱 क्या करना चाहिए उपयोगकर्ताओं को?
- अपने UPI ऐप के उपयोग पर निगरानी रखें।
- हर बार बैलेंस चेक करने से पहले सोचें – क्या यह जरूरी है?
- UPI पासबुक, SMS अलर्ट और नेट बैंकिंग जैसे विकल्पों का समझदारी से उपयोग करें।
✅ निष्कर्ष: सुविधा बनाम प्रणाली स्थिरता
हालांकि यह नियम शुरुआत में कुछ उपयोगकर्ताओं को प्रतिबंधात्मक लग सकता है, लेकिन तेज़ और विश्वसनीय UPI नेटवर्क बनाए रखने के लिए यह एक आवश्यक कदम है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए ऐसे प्रौद्योगिकीय अनुकूलन समय-समय पर होते रहेंगे।
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