आयु बंधन एवं सामाजिक समीकरण भी हो सकते हैं फेल

Political Review: बैतूल।(भाग-2): कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 3 जून को भोपाल में कांग्रेस की मैराथन बैठक ली थी जिसमें अलग-अलग श्रेणी के नेताओं से अलग-अलग चर्चा की थी। मिली जानकारी के अनुसार बैठक में राहुल गांधी ने प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं को कई टिप्स दिए थे। वहीं बैठक के बाद संगठन से संबंधित निर्देश भी जारी किए थे। इसी कड़ी में जिलाध्यक्ष के लिए आयु बंधन एवं जिलों में बहुसंख्यक जाति को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति करना प्रमुख था। राहुल गांधी की इस यात्रा के बाद प्रदेश भर में कांग्रेस नेताओं में जिलाध्यक्ष बनने के लिए सक्रियता बढ़ गई है। बैतूल जिले में भी पर्यवेक्षक का आगमन होना है इसको लेकर कांग्रेस के विभिन्न गुट एवं पद चाहने वाले नेता शक्ति प्रदर्शन के लिए तैयार हो रहे हैं।
इसी हफ्ते आ सकते हैं पर्यवेक्षक
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने एवं जिलों में नई टीम खड़ी करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल जिले के लिए इटारसी के राजकुमारी केलु को पर्यवेक्षक बनाया गया है। श्री केलु प्रदेश संगठन की ओर से जिले के प्रभारी भी हैं। बताया जा रहा है कि राजकुमार केलु 15 या 16 जून को बैतूल पहुंच सकते हैं। इसको लेकर वर्तमान अध्यक्ष हेमंत वागद्रे भी व्यवस्था में लगे हुए हैं ताकि कार्यक्रम व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।
दावेदारों की लंबी है फेहरिस्त

कल बैतूलवाणी में जातिवादी समीकरण से बनेगा नया जिलाध्यक्ष शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था जिसमें उल्लेखित था कि जिले में आदिवासी बहुतायत में है। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में कुंबी समाज की संख्या ज्यादा है और नया अध्यक्ष भी राहुल गांधी के फार्मूले के अनुसार इसी श्रेणी से बन सकता है लेकिन जिले के कई ऐसे वरिष्ठ कांग्रेसी भी अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं जो इन दोनों समाज से इतरहैं। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि कांग्रेस फार्मूले कई बनाती है लेकिन उनका पालन शत प्रतिशत नहीं होता है इसलिए आदिवासी एवं कुंबी समाज के अलावा अन्य समाज के भी प्रभावशाली एवं आर्थिक रूप से संपन्न नेता जिलाध्यक्ष पद पर काबिज हो सकते हैं।
चुनाव में भी फेल होते हैं क्राइटेरिये
हर चुनाव के समय कांग्रेस टिकट वितरण के लिए कई क्राइटेरिए की घोषणा करती है लेकिन टिकट की घोषणा होते-होते प्रदेश कांग्रेस के क्षत्रप अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में सफल हो जाते हैं और ये क्राइटेरिए धरे के धरे रह जाते हैं और ऐसा हर विधानसभा चुनाव के समय होता आ रहा है। 2013 में तो 10 हजार से ऊपर से उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने क्राइटेरिया जोरशोर से उछला था लेकिन 30 हजार से हारे जिले के दो कांग्रेस प्रत्याशियों को 2018 के चुनाव में टिकट मिल गई थी। राजनीति के जानकारों का यह भी मानना है कि कांग्रेस संगठन में जिलाध्यक्ष के चयन में भी आखिरी में ऐसा ही कुछ होगा। 35 से 45 साल का आयु बंधन और जिले में जातिगत समीकरणों की भी धज्जियां उड़ सकती हैं।
ये भी हैं दावेदार
कांग्रेस के वफादार एवं सक्रिय नेता राजेश गावंडे की राजनैतिक शुरूवात पार्षद चुनाव से हुई थी। इसके बाद एनएसयूआई जिलाध्यक्ष, यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष और जिला कांगे्रस कमेटी में महामंत्री के पद पर रहे कुंबी समाज से जुड़े अब कांग्रेस के क्राइटेरिया आने के बाद वे अपने आप को जिलाध्यक्ष का दावेदार मान रहे हैं।
अनुराग मिश्रा कांग्रेस की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं एवं जिले में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष अनुराग मिश्रा 1998 में एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष, युवक कांग्रेस के नगर अध्यक्ष, नगर कंाग्रेस अध्यक्ष, जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं महामंत्री रहे हैं।
राजकुमार दीवान वर्तमान में बैतूल नगर पालिका परिषद में पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष हैं। पूर्व में भी पार्षद एवं जिला कंाग्रेस कमेटी के महामंत्री रहे हैं। युवक कांग्रेस की राजनीति में भी लंबे समय तक काम किया है।
ऋषि दीक्षित कांग्रेस के जुझारू नेता माने जाते हैं। 1996 से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हुए ऋषि दीक्षित एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष के बाद जिला कंाग्रेस के महामंत्री भी रहे हैं। हर चुनाव में कांग्रेस के लिए सक्रिय दिखाई देते हैं।
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