Transfer:भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस विभाग ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 5 साल से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ 699 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया है। यह कदम पुलिस मुख्यालय (PHQ) की ओर से लिए गए सख्त निर्देशों के तहत उठाया गया है, जिसका मकसद थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना बताया जा रहा है।
👮♂️ थोकबंद तबादलों में ये शामिल
जारी तबादला सूची में कुल 37 थानों के पुलिसकर्मी शामिल हैं। जिनका विवरण इस प्रकार है:
- 30 उप निरीक्षक (SI)
- 56 सहायक उप निरीक्षक (ASI)
- 313 प्रधान आरक्षक (Head Constables)
- 301 आरक्षक (Constables)
इनमें कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो एक ही थाने में 5 साल से अधिक समय से पदस्थ थे और जिनके खिलाफ काम में लापरवाही, पक्षपातपूर्ण व्यवहार व अन्य शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही थीं।
🚨 पुराने थानों में लौटने की प्रवृत्ति पर भी लगाम
पुलिस मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुछ पुलिसकर्मी पहले ट्रांसफर होने के बाद भी फिर से पुराने थानों में लौट आए थे, जो व्यवस्था के खिलाफ है। अब इन पुलिसकर्मियों को भी अन्य थानों में भेजा गया है।
PHQ ने जिलों के पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि
“कोई भी पुलिसकर्मी एक ही स्थान पर वर्षों तक न जमे रहे। इससे स्थानीय गठजोड़ और निष्पक्षता पर असर पड़ता है।”
🏢 पूरे प्रदेश में लागू होगी यह नीति
भोपाल में हुए इस बड़े तबादले के बाद अब अन्य जिलों में भी इसी तर्ज पर कार्रवाई की जा सकती है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर से इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्यव्यापी स्थानांतरण नीति को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया।
👁️🗨️ पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर कदम
अजाक (अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण थाने) जैसे विशेष थानों में भी इस फेरबदल को लागू किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पुलिसिंग में पारदर्शिता लाने, जवाबदेही तय करने और जनता के भरोसे को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🗣️ जनता की प्रतिक्रिया
शहरवासियों का कहना है कि एक ही थाने में लंबे समय तक जमे रहने से कुछ पुलिसकर्मी स्थानीय स्तर पर अघोषित सत्ता के रूप में व्यवहार करने लगते हैं। तबादले से उम्मीद है कि थानों में नई ऊर्जा और निष्पक्षता आएगी।
sabhar…
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