Corona: नई दिल्ली | देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। बीते 24 घंटों में 4 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 2 मौतें महाराष्ट्र में, जबकि दिल्ली और केरल में 1-1 मौत दर्ज की गई है।
जनवरी 2025 से अब तक देश में कुल 113 मौतें कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक मौतें केरल (36), महाराष्ट्र (31), और दिल्ली (13) में हुई हैं।
🔹 देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति
- कुल एक्टिव केस: 6,483
- सबसे ज्यादा एक्टिव केस:
- केरल – 1,384
- गुजरात – 1,105
- पश्चिम बंगाल – 747
- नए केस (पिछले 24 घंटे में): 163
🧬 भारत में कोविड के चार नए वैरिएंट की पुष्टि
ICMR के अनुसार, देश में चार नए वैरिएंट की पहचान हुई है:
- LF.7
- XFG
- JN.1 (सबसे अधिक फैला हुआ)
- NB.1.8.1
इनमें NB.1.8.1 में पाए गए A435S, V445H और T478I स्पाइक म्यूटेशन इसे अधिक संक्रामक बनाते हैं और वैक्सीन-प्राप्त इम्युनिटी को भी चकमा दे सकते हैं।
JN.1 वैरिएंट भारत में सबसे ज्यादा पाया जा रहा है — 50% से ज्यादा सैंपल इसी से संक्रमित। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) वैरिएंट्स भी सक्रिय हैं।
⚠️ JN.1 वैरिएंट की विशेषताएं
- कम गंभीर लेकिन अधिक संक्रामक
- इम्यूनिटी को कमजोर करता है
- लक्षण हफ्तों तक बने रह सकते हैं (लॉन्ग कोविड की आशंका)
- WHO ने इसे ‘Variant of Interest’ श्रेणी में रखा है
🏥 राज्यवार तैयारी और उपाय
उत्तर प्रदेश
- सभी अस्पतालों को पीपीई किट, आइसोलेशन बेड, ICU, वेंटिलेटर और दवाएं तैयार रखने के निर्देश।
- सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता बढ़ाई जा रही है।
नगालैंड
- राज्य में पहला केस दीमापुर में सामने आया।
- मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है, निगरानी जारी।
केरल
- कोविड और इन्फ्लूएंजा लक्षणों पर आधारित अनिवार्य कोविड टेस्ट।
- अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य।
- जून 2023 की गाइडलाइन फिर से लागू।
कर्नाटक
- गुलबर्गा मेडिकल इंस्टीट्यूट में 25 बेड का कोविड वार्ड तैयार।
- ICU, HDU, गर्भवती महिलाओं और सामान्य बेड्स का विभाजन किया गया है।
📢 ICMR और WHO की सलाह
- स्थिति गंभीर नहीं, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत।
- टीकाकरण और मास्क अभी भी कारगर उपाय हैं।
- बुजुर्गों और गंभीर रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह।
🗣️ विशेषज्ञों की राय
डॉ. राजीव बहल (ICMR):
“हम नए वैरिएंट्स पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जनता को सतर्क रहना जरूरी है।”
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी रिपोर्ट:
“JN.1 जैसे वैरिएंट्स तेजी से फैल सकते हैं, लेकिन वे पहले की तुलना में कम गंभीर साबित हो रहे हैं।”
साभार…
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