विमान अवरोधों को गिराने के नियम-2025′ लागू करने की तैयारी
Big step: नई दिल्ली: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद केंद्र सरकार ने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (DGCA) ने ‘विमान अवरोधों को गिराने के नियम-2025’ के नाम से एक नया मसौदा कानून जारी किया है, जो राजपत्र में प्रकाशित होते ही लागू हो जाएगा।
🛫 हादसे की पृष्ठभूमि
- 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के तुरंत बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गई थी।
- इस भीषण हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी।
- घटना के बाद देशभर में एयरपोर्ट्स के आसपास की ऊंची इमारतों और संरचनाओं को लेकर सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई थीं।
📜 क्या हैं ‘विमान अवरोधों को गिराने के नियम-2025’?
🔹 उद्देश्य:
- एयरपोर्ट के आसपास ऊंचाई सीमा से ज्यादा की इमारतें, पेड़ या अन्य ढांचे यदि विमान की उड़ान में रुकावट पैदा करते हैं, तो उन्हें हटाने या संशोधित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारों को स्पष्ट और सशक्त करना।
🔹 प्रमुख बिंदु:
- 🏗️ यदि कोई इमारत या ढांचा ऊंचाई मानकों से अधिक पाया जाता है, तो अधिकारी 60 दिन का नोटिस देंगे।
- 📝 मालिक को साइट प्लान, माप आदि विवरण देना होगा। न देने पर ढांचा गिराने की कार्रवाई होगी।
- 🔧 नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर अधिकारी ढांचा हटाने/ऊंचाई घटाने का आदेश दे सकते हैं।
- 🕒 मालिक को पालन के लिए 60 दिन का समय, उचित कारण पर 60 और दिन की छूट मिल सकती है।
- 🕵️♂️ निरीक्षण का अधिकार होगा, लेकिन पूर्व सूचना देना आवश्यक।
- ⚖️ मालिक अपील कर सकते हैं (1,000 रुपये शुल्क व दस्तावेजों के साथ)।
- 💰 मुआवजा सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जो आदेश के अनुसार कार्रवाई करें।
- 🚫 नियम लागू होने के बाद बने अवैध ढांचों को मुआवजा नहीं मिलेगा।
📣 जनता से सुझाव आमंत्रित
- DGCA ने 20 दिन की समयसीमा के भीतर जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं।
- ये मसौदा देशभर के हवाई अड्डों के आसपास की सुरक्षा और उड़ान मार्गों को संरक्षित करने की दिशा में नियामक बदलाव का हिस्सा है।
🗣️ विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
“यह नियम भारत के विमानन इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकते हैं। अहमदाबाद जैसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियमन और निगरानी बेहद जरूरी हैं।”
— एयर सेफ्टी एनालिस्ट, के. मिश्रासाभार…
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