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Setback to Congress in By-Election: : गुजरात, पंजाब और बंगाल उपचुनावों में कांग्रेस की हार

गुजरात, पंजाब और बंगाल उपचुनावों में कांग्रेस

संगठन निर्माण कार्यक्रम पर उठे सवाल

Setback to Congress in By-Election: नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात, पंजाब और पश्चिम बंगाल की पाँच विधानसभा सीटों पर हुए हालिया उपचुनावों के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी के लिए राजनीतिक संकट का संकेत दे दिया है। लंबे समय से चल रहे संगठनात्मक पुनर्गठन अभियान के बावजूद पार्टी इन राज्यों में करारी शिकस्त झेलती नज़र आई है।

🔴 गुजरात: गढ़ में ही ढहता कांग्रेस का किला

गुजरात में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन दोनों विधानसभा सीटों पर हार से पार्टी को करारा झटका लगा है। पार्टी की इस विफलता के बाद गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में घोषित 40 जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर पहले ही भीतरघात और असंतोष की खबरें आ रही थीं, अब चुनावी नतीजों ने संगठन की कमजोरी उजागर कर दी है।

पंजाब: वरिंग की सीट पर भी हार

कांग्रेस को लुधियाना पूर्व विधानसभा सीट, जो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वरिंग के संसदीय क्षेत्र में आती है, पर भी हार का सामना करना पड़ा है। इस अप्रत्याशित हार के बाद वरिंग को मंगलवार को दिल्ली में प्रस्तावित प्रेसवार्ता तक रद्द करनी पड़ी।

🟡 AAP की मजबूती से बढ़ी कांग्रेस की चिंता

उधर, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में हालिया पराजय के बाद गुजरात और पंजाब में एक-एक सीट जीतकर राजनीतिक पुनर्जीवन का संकेत दिया है। इससे कांग्रेस में बेचैनी बढ़ गई है, खासकर उन नेताओं में जो AAP से गठबंधन के खिलाफ हैं लेकिन विकल्पहीनता का भी सामना कर रहे हैं।

🧩 संगठन में असंतुलन और विवाद

गुजरात में जारी की गई जिलाध्यक्षों की सूची में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति और सिर्फ एक महिला जिलाध्यक्ष की नियुक्ति ने पार्टी में असंतोष को और हवा दी है। भरूच में विरोध के बाद एक मुस्लिम नेता को जिलाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन यह कदम संवेदनशील सामाजिक समीकरणों को लेकर उठते सवालों को पूरी तरह शांत नहीं कर सका।

🔍 राजनीतिक विश्लेषण: संदेश क्या है?

इन उपचुनाव नतीजों ने कांग्रेस को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि संगठनात्मक सुधार की कवायद जमीनी स्तर पर मतदाता विश्वास में तब्दील नहीं हो पा रही है। एक तरफ नेतृत्व और गठबंधन नीति को लेकर असमंजस बना हुआ है, तो दूसरी ओर क्षेत्रीय दल जैसे आप और टीएमसी उन रिक्तियों को भरने में सक्षम नजर आ रहे हैं जो कांग्रेस छोड़ रही है।

साभार.. 

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