Negligence:भोपाल: भोपाल के ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण में गंभीर तकनीकी खामी और लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है। शनिवार रात मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जानकारी दी कि प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ियों को लेकर लोक निर्माण विभाग (PWD) के 8 इंजीनियरों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए हैं।
इनमें दो चीफ इंजीनियर (CE) समेत कुल सात इंजीनियर सस्पेंड किए गए हैं, जबकि एक रिटायर्ड सीनियर इंजीनियर (SE) के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
❌ गलत डिजाइन, धीमी गति की सिफारिश
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने इस प्रोजेक्ट की जांच NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से करवाई थी। रिपोर्ट में सामने आया कि ब्रिज की डिज़ाइन इतनी दोषपूर्ण है कि 35–40 किमी/घंटा से तेज वाहन चलाने पर हादसे की आशंका बनी रहती है। विशेष रूप से 90 डिग्री के तीखे मोड़ पर वाहन चलाना बेहद जोखिमभरा बताया गया है। सोशल मीडिया पर इस मोड़ को लेकर मीम्स और सवालों की बाढ़ आ गई है।

🛑 निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट ब्लैकलिस्ट
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि ब्रिज का त्रुटिपूर्ण डिजाइन पेश करने वाली निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही, एक तकनीकी कमेटी बनाई गई है, जो ब्रिज में सुधार संबंधी रिपोर्ट तैयार करेगी। ब्रिज का लोकार्पण सुधार कार्यों के बाद ही किया जाएगा।
🔍 अब तक की प्रमुख लापरवाहियाँ
- प्रोजेक्ट 21 मई 2022 को शुरू हुआ था, जिसे 18 महीनों में पूरा होना था।
- निर्धारित समय सीमा अगस्त 2024 थी, लेकिन जून 2025 तक भी निर्माण जारी है।
- लागत 17.37 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 18 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है।
- ब्रिज की कुल लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है, जिसमें 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।
📢 अधिकारियों पर होगी अगली कार्रवाई
लोक निर्माण विभाग की अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि जिन अफसरों को निलंबित किया गया है, उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू की जाएगी।
🗣️ रेलवे की आपत्ति भी नजरअंदाज की गई
प्रारंभिक डिजाइन को लेकर रेलवे ने भी 90 डिग्री मोड़ पर आपत्ति जताई थी। बावजूद इसके PWD इंजीनियरों ने ‘जगह की कमी’ का तर्क देकर इस पर काम शुरू कर दिया। अब यही डिज़ाइन जनता और विशेषज्ञों की आलोचना का केंद्र बन गया है।
🧱 ब्रिज की आवश्यकता बनी हुई है
ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद इस क्षेत्र में ROB की जरूरत बनी हुई है। वाहनों का भारी ट्रैफिक और निरंतर जाम की स्थिति को देखते हुए यह ब्रिज लाइफलाइन की तरह जरूरी माना जा रहा था। परंतु निर्माण की खामियों ने सुरक्षा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
साभार…
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