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Panic: बैतूल-इंदौर फोरलेन पर एक साल में बनी सुरंग, वाहन चालकों में दहशत

बैतूल-इंदौर फोरलेन पर एक साल में बनी

Panic: खेड़ीसावलीगढ़ (बैतूल)। बैतूल-इंदौर फोरलेन पर निर्माण कार्य को अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इसकी गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। खेड़ीसावलीगढ़ के पास करंजी नाला ब्रिज से लगे सर्विस मार्ग पर सड़क के नीचे एक बड़ी सुरंग बन गई है, जिसने वाहन चालकों को दहशत में डाल दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सुरंग धीरे-धीरे सड़क के बड़े हिस्से को क्षतिग्रस्त कर सकती है और यदि समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्षेत्र में ना तो कोई चेतावनी बोर्ड लगा है और ना ही इंडिकेटर लाइट्स चालू हैं, जिससे यह स्थान एक खतरनाक ब्लैक स्पॉट बन चुका है।

एक साल में ही गुणवत्ता की पोल खुली

यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग पर परतवाड़ा को जोड़ती है। निर्माण एजेंसी पर आरोप लग रहे हैं कि उसने घटिया सामग्री का उपयोग किया और निर्माण कार्य की निगरानी भी ठीक से नहीं हुई। नतीजा यह है कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी फोरलेन सड़क एक साल में ही ढहने लगी है।

स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई पर सवाल

स्थानीय नागरिकों और राहगीरों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और निर्माण एजेंसी से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। साथ ही दुर्घटना रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड, इंडिकेटर लाइट और बैरिकेड्स लगाने की आवश्यकता जताई है। यदि इस गड्ढे और सुरंग की मरम्मत में देरी होती है, तो यह न सिर्फ मानव जीवन के लिए खतरा बन सकता है, बल्कि सरकारी खजाने की बर्बादी का भी उदाहरण बन जाएगा।

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