Wednesday , 23 July 2025
Home Uncategorized Recognition: मध्यप्रदेश के नए जिलों मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा को चुनाव आयोग से मिली मान्यता
Uncategorized

Recognition: मध्यप्रदेश के नए जिलों मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा को चुनाव आयोग से मिली मान्यता

मध्यप्रदेश के नए जिलों मऊगंज, मैहर

अब कलेक्टर होंगे अपीलीय अधिकारी

Recognition:भोपाल। मध्यप्रदेश में हाल ही में बने तीन नए जिलों—मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा को आखिरकार चुनाव आयोग से अधिकारिक मान्यता मिल गई है। अब इन जिलों के कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्र की विधानसभा सीटों के लिए अपीलीय अधिकारी के रूप में कार्य कर सकेंगे। इससे पहले ये अधिकार मूल जिलों—रीवा, सतना और छिंदवाड़ा—के कलेक्टरों के पास थे। यह फैसला चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया में प्रशासनिक स्पष्टता और दक्षता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आयोग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं और सचिव सुमन कुमार दास द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।


🗂️ अब किस जिले के कलेक्टर को कहां मिली जिम्मेदारी?

  1. मऊगंज कलेक्टर – मऊगंज और देवतालाब विधानसभा क्षेत्र
  2. पांढुर्णा कलेक्टर – पांढुर्णा और सौंसर विधानसभा क्षेत्र
  3. मैहर कलेक्टर – मैहर और अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र

इस निर्णय के बाद रीवा, सतना और छिंदवाड़ा के कलेक्टरों से इन संबंधित क्षेत्रों के अपील अधिकारी के अधिकार वापस ले लिए गए हैं।


🔁 अब तक कैसे हो रहा था काम?

गौरतलब है कि 2022 में जब ये तीन नए जिले बनाए गए थे, तब भले ही कलेक्टरों की पोस्टिंग हो गई थी, लेकिन उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी के अधिकार नहीं दिए गए थे क्योंकि चुनाव आयोग की मंजूरी नहीं मिली थी।

  • विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी स्थिति यही रही।
  • तीनों नए जिलों के कलेक्टरों को चुनाव संबंधी हर सूचना और रिपोर्ट अपने मूल जिले के कलेक्टर (रीवा, सतना, छिंदवाड़ा) के माध्यम से भेजनी पड़ती थी।
  • चुनाव आयोग भी इन्हीं पुराने जिला कलेक्टरों से ही आधिकारिक पत्राचार करता था।

📌 अब क्या बदलेगा?

  • अब प्रत्येक जिला कलेक्टर को स्वतंत्र रूप से निर्वाचन कार्यों का संचालन करने का अधिकार होगा।
  • प्रत्याशियों की शिकायतें, नामांकन, अपील प्रक्रिया जैसे कार्यों में पहले की तुलना में अधिक गतिशीलता और पारदर्शिता आएगी।
  • स्थानीय स्तर पर चुनाव प्रक्रिया कम जटिल और अधिक उत्तरदायी होगी।

🧾 प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम फैसला

चुनाव आयोग का यह निर्णय इन नए जिलों की प्रशासनिक स्वायत्तता को भी मजबूत करता है। साथ ही यह संदेश भी देता है कि नए जिलों को केवल नाम या नक्शे में नहीं, बल्कि प्रभावी प्रशासनिक अधिकारों के साथ सक्रिय किया जा रहा है।

साभार… 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Gold: सोने-चांदी के दाम ऑल टाइम हाई पर, 24 कैरेट गोल्ड ₹1 लाख के पार

Gold: भोपाल | भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने...

Record: चारधाम यात्रा में अब तक रिकॉर्ड 39 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे

लिम्का बुक में दर्ज कराने की तैयारी Record: नई दिल्ली | उत्तराखंड...

Case registered: अश्लील वीडियो पोस्ट करने पर फैजान अंसारी पर मामला दर्ज

शिक्षकों ने थाने में पहुंचकर की थी शिकायत Case registered: चिचोली। महिलाओं...

Controversy: कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्यूआर कोड विवाद: सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को राहत

Controversy: नई दिल्ली | कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों और दुकानों पर...