सेना संभाल रही राहत अभियान, 200 से ज्यादा पर्यटक गंगोत्री में फंसे
Missing: देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार रात को आई भीषण बाढ़ ने तबाही मचा दी। अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। अब तक 70 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं 150 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। सेना और NDRF की टीमें हाथों से मलबा हटाकर लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं, क्योंकि भारी मलबे के चलते जेसीबी जैसी बड़ी मशीनें अभी तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकी हैं।
🚁 सेना का मोर्चा, हवाई रेस्क्यू जारी
- 1 JCO और 8 जवान लापता, 9 जवान और 3 नागरिक हेलिकॉप्टर से देहरादून रेस्क्यू
- 3 घायलों को AIIMS ऋषिकेश और 8 को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती
- सेना चिनूक हेलिकॉप्टर से पैरा ट्रूप्स और मेडिकल टीमें हर्षिल पहुंचा रही है
- Mi-17 हेलिकॉप्टर NDRF और मेडिकल टीमों को नेलॉन्ग भेज रहा है
⛓ सड़कें टूटीं, गांव मलबे में दफन
- भटवारी से धराली तक 60 किलोमीटर में 5 जगह सड़कें टूटीं
- गंगोत्री हाईवे का पुल गंगनानी के पास बह गया, सेना बना रही है वैली ब्रिज
- भास्कर टीम भटवारी में फंसी, प्रशासनिक टीमें भी अब तक धराली नहीं पहुंच सकीं
🧊 हैगिंग ग्लेशियर बना आपदा की वजह
मौसम विभाग के अनुसार, इस त्रासदी की वजह बादल फटना नहीं, बल्कि श्रीखंड पर्वत पर 6,000 मीटर ऊंचे हैगिंग ग्लेशियर का टूटना है।
- धराली में सिर्फ 2.7 सेमी बारिश हुई थी, जो सामान्य है
- भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. एसपी सती के अनुसार, यह जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर मेल्टिंग से जुड़ी आपदा है
🧘♀️ कांवड़ियों और पर्यटकों में अफरा-तफरी
- त्रासदी के समय गांव के लगभग सभी बुजुर्ग 300 मीटर दूर मंदिर में पूजा कर रहे थे, इसलिए बच गए
- गांव के युवा, कारोबारी और सैलानी बाढ़ की चपेट में आ गए
- गंगोत्री और आसपास के क्षेत्रों में 200 से ज्यादा पर्यटक फंसे, जिनमें केरल के 28 और महाराष्ट्र के 51 शामिल
- सेना ने इन्हें राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया, भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई
📸 मलबे की चादर और सन्नाटा: धराली की दिल दहला देने वाली तस्वीर
धराली गांव में हर तरफ 20 फीट तक फैला मलबा, सड़क और बाजार गायब हो चुके हैं। दिल चीर देने वाला सन्नाटा गांव पर छाया हुआ है। हर पल मलबे के नीचे दबी जिंदगी को निकालने की जद्दोजहद जारी है।
🔴 सरकार और आपदा प्रबंधन की चुनौती
उत्तराखंड सरकार ने पूरे राहत कार्य की कमान सेना को सौंप दी है। लेकिन अवरोधक सड़कें, खराब मौसम और मशीनों की अनुपलब्धता बचाव कार्य को धीमा कर रही है। अगले 24 घंटे संकट भरे माने जा रहे हैं।
🕯️ प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थनाएं और राहत प्रयास जारी हैं।
📢 राहत सामग्री, खून दान और वालंटियर के लिए आप [उत्तराखंड आपदा प्राधिकरण] की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
साभार…
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