पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ दोष निवारण कथा
Bhagwat Katha:बैतूल। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृदोष निवारण भागवत कथा का आयोजन आगामी 7 सितम्बर से किया जाएगा। स्कंद पुराण के अनुसार पितृपक्ष में किया गया दान धर्म नियम पितृ लोक में पितरों को प्राप्त होता है।
इस समय अगर पितरों के नियमित श्रीमद् भागवत कथा नियमित रूप से श्रवण की जाए तो संपूर्ण पुण्य पितरों को प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार घर में क्लेश होना, चिड़चिड़ापन रहना, संतान न होना ,घर में अशांति, घर में किसी का बार-बार बीमार होना, कारोबार नौकरी में नुकसान ,विवाह में देरी, सपनों में पूर्वजों का दिखाना, यह सब पितृ दोष के लक्षण है। क्षेत्र वासियों की यही समस्या को ध्यान में रखते हुए पूज्य देवी सौम्या एवं पूज्य गुरुदेव राष्ट्रीय कथा व्यास राकेशानंद महाराज के पावन सानिध्य में पितृ दोष निवारण मोक्षदायिनी श्रीमद् भागवत कथा का दिव्य आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में आप कथा में शामिल होकर या घर बैठे दान देकर पितृ दोष निवारण कर सकते हैं एवं अपने पूर्वजों के नाम से भागवत पोथी पाठ कराकर पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
कथा का आयोजन नगर के विशाल मेगावाट के सामने श्री राधा कृष्ण मंदिर कोठी बाज़ार बैतूल में किया जाएगा। कथा के आयोजन में विशेष सहयोगी के रूप में श्रीराम मंदिर, श्री शिव मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर, श्री छोटा राम मंदिर, पार्वती भवन एकीकृत ट्रस्ट है। कथा 7 सितंबर से शुरू होकर 14 सितंबर 2025 तक चलेगी। आयोजन में प्रथम दिवस भव्य कलश यात्रा निकल जाएगी। कथा में प्रवचन का समय दोपहर 2 बजे एवं रात्रि 8 बजे से होंगे कथा में गुरुदेव राष्ट्रीय कथावाचक राकेशानंद महाराज के अलावा विशेष प्रवचन पूज्य देवी सौम्या के भी होंगे एवं कथा के बीच में एक दिन विशाल देवी जागरण का आनंद भक्ति जनों को मिलेगा। प्रतिदिन सुबह पूजन परायण एवं पितृ मोक्ष के लिए विशेष पितृदोष निवारण पूजा की जाएगी। इसमें सभी भक्त शामिल हो सकते हैं, कथा के अंतिम दिवस रुद्राक्ष भी वितरित किए जाएंगे। जिससे भक्ति धारण कर सकते हैं एवं अपना नाम एवं गोत्र लिखा था रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं। आयोजन समिति ने अधिक से अधिक संख्या में सभी भक्तजनों को कथा में पधारने की आग्रह किया है।
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