Compensation: भैंसदेही। मध्य प्रदेश के बैतूल जि़ले से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है। कहा जाता है कि किसान धरती का भगवान और देश का अन्नदाता है, लेकिन जब यही अन्नदाता अपने हक की मांग को लेकर किसी अधिकारी के पैरों में गिर जाए तो यह हमारे सिस्टम की शर्मनाक सच्चाई को उजागर करता है।
भैंसदेही के पोहर ग्राम पंचायत के किसान अभिषेक कापसे की सोयाबीन की पूरी फसल पीला मोजेक बीमारी से बर्बाद हो गई। सोमवार को जब सैकड़ों किसान फसल मुआवजे की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे, तब अभिषेक का सब्र टूट गया। वह रोते-रोते एसडीएम के पैरों में गिर पड़ा और गिड़गिड़ाकर बोला साहब, खेती ही सहारा है सब कुछ बर्बाद हो गया अब बच्चों का पेट कैसे भरें, घर कैसे चले।
इस दौरान एसडीएम ने किसान को समझाने की कोशिश की और कहा कि ऐसा न करें, लेकिन इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसान की यह बेबसी केवल अभिषेक कापसे की कहानी नहीं, बल्कि उन लाखों किसानों की आवाज़ है जो फसल चौपट होने के बाद दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। देश का अन्नदाता जब अपने ही देश में पैरों में गिरकर अपना हक मांगने पर विवश हो जाए, तो यह तस्वीर पूरे सिस्टम के लिए बड़ा तमाचा है। सवाल यही है कि आखिर कब तक किसान अपने ह$क के लिए इस तरह आँसू बहाता रहेगा?
इनका कहना…
किसी भी किसान के लिए उसकी फसल बहुत कीमती होती और पेट पालने का साधन होता है। अगर इस तरह की क्षति किसान को होती है तो इसलिए इस तरह के उनके भाव हो जाते हैं।
अजीत मेरावी, एसडीएम, भैंसदेही
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