Order: नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए स्पष्ट किया कि पूरा कानून लागू रहेगा, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों पर रोक रहेगी।
⚖️ क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने आदेश में कहा:
- वक्फ करने के लिए 5 साल तक इस्लाम का पालन करने की शर्त पर रोक।
 - भूमि विवाद सुलझाने का अधिकार कलेक्टर या सरकारी अधिकारियों को देने वाले प्रावधान पर रोक।
 - वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन पहले की तरह जारी रहेगा।
 - जिन संपत्तियों पर विवाद है, उनमें हाईकोर्ट का फैसला आने तक कोई थर्ड पार्टी राइट नहीं बनेगा।
 
📌 वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को लेकर व्यवस्था
- CEO पद पर गैर-मुस्लिम की नियुक्ति पर रोक नहीं, लेकिन जहां संभव हो, मुस्लिम को प्राथमिकता दी जाए।
 - केंद्रीय वक्फ परिषद (22 सदस्य): अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम।
 - राज्य वक्फ बोर्ड (11 सदस्य): अधिकतम 3 गैर-मुस्लिम।
 
🗣 सीजेआई की टिप्पणी
सीजेआई गवई ने कहा:
“किसी भी कानून को संवैधानिक मानकर ही लागू किया जाता है और केवल दुर्लभ मामलों में इसकी वैधता पर रोक लगाई जाती है। अदालतों ने पहले भी माना है कि कानून की संवैधानिकता पर ‘पूर्व धारणा’ लागू होती है।”
📜 पृष्ठभूमि
- 22 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
 - कई याचिकाओं में वक्फ की परिभाषा, गैर-मुस्लिम CEO की नियुक्ति और विवादित जमीनों पर अधिकार जैसे प्रावधानों को चुनौती दी गई थी।
 - साभार…
 
                                                                                                                                
				            
				            
				            
				            
                            
                                        
                                        
				            
				            
				            
				            
			        
			        
			        
			        
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