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Betul News: प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप से बैतूल के दो बच्चों की मौत

प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप से बैतूल के दो

परासिया के सरकारी डॉ. प्रवीण सोनी ने लिखी थी सिरप

पंकज अग्रवाल
Betul News: आमला।
कोल्ड्रिफ सिरप पीने से दो बच्चों की मौत का मामला सामने आने से स्वास्थ्य महकमे में जहां हडक़म्प मचा हुआ है वहीं परिवार में मातम पसर गया है। सिरप में जहरीला रसायन डीएथलीन ग्लाइकोल पाया गया है। इस सिरप को और इस कंपनी में बनने वाली सभी दवाईयों को सरकार प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा दवाई कंपनी, सिरप लिखने वाले डॉक्टर और अन्य के खिलाफ छिंदवाड़ा में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। बैतूल में इस मामले को लेकर जांच दल गठित किया गया है। आमला एसडीएम शैलेंद्र बड़ोनिया ने भी बच्चों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रशासन इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी जुटा रहा है।


परासिया के डॉक्टर ने दी थी सिरप


आमला बीएमओ डॉ. अशोक नरवरे ने बताया कि ब्लाक के ग्राम कलमेश्वरा निवासी कबीर पिता कै लाश यादव (4) और जामुन बिछुवा निवासी निहाल पिता निखलेश धुर्वे (ढाई साल) को बुखार आने पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया ले जाया गया था जहां उनकी तबीयत और अधिक बिगड़ गई। परिजनों के अनुसार कबीर को 24 अगस्त परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी को दिखाया गया था जिसमें उन्होंने प्रिस्क्रिप्शन में कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी। अब जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुट गया है। परिजनों का आरोप है कि कबीर (4) की मौत कफ सिरप पीने के बाद हुई थी। डॉ. नरवरे ने बताया कि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ सिरप पीने से ही हुुई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।


कबीर की 8 सितम्बर को हुई मौत


8 सितंबर को कबीर नामक बच्चे की मौत भोपाल में हुई। परिजनों के अनुसार, 24 अगस्त को सबसे पहले कबीर को बुखार आने पर परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को दिखाया गया। इलाज के बाद उसे घर ले जाया गया, लेकिन जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो परासिया के दो अन्य डॉक्टरों से भी सलाह ली गई। यहां बताया गया कि बच्चे की किडनी प्रभावित हो रही है। इसके बाद परिजन उसे नागपुर ले गए, जहां एक दिन अस्पताल में भर्ती रखने के बाद डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी। परिजन संतुष्ट नहीं थे, इसलिए वे उसे सीधे भोपाल ले गए। वहां पहुंचते ही रात करीब साढ़े चार बजे कबीर की मौत हो गई।


गांव में हुई निहाल की मौत


दूसरी घटना ढाई साल के निहाल पिता निखिलेश धुर्वे की तबीयत बिगडऩे पर उसका इलाज कराया जा रहा था, लेकिन एक अक्टूबर को गांव में ही उसकी मौत हो गई। बीएमओ के अनुसार उसे भी परिजन पहले इलाज के लिए परासिया के डॉक्टर सोनी के पास ले गए थे। बीएमओ डॉ. अशोक नरवरे ने बताया कि बच्चों को बुखार आने पर परिजन उन्हें छिंदवाड़ा के परासिया स्थित डॉक्टर सोनी के पास ले गए थे। इलाज के बाद बच्चों में किडनी की समस्या और पेट फूलने जैसे लक्षण दिखाई दिए। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें बैतूल लाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया। डॉ. नरवरे ने यह भी बताया कि बच्चों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया था, लेकिन गंभीर किडनी समस्या की रिपोर्ट सीएमएचओ को भेजी गई थी।


क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ था निहाल का


बैतूल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप साहू ने बताया कि 24 सितम्बर को निहाल को उनके अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसकी जांच की गई तो क्रिएटिनिन बढ़ा होने के कारण किडनी में समस्या आ गयी थी जिसके कारण उसे 25 सितम्बर की सुबह उसे एम्स भोपाल रेफर कर दिया गया था। परिजनों ने इसके पहले कहां इलाज हुआ और क्या दवाई दी थी इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। निहाल के पिता निखिलेश का कहना है कि बच्चे को डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास इलाज के लिए ले गए थे। उन्होंने एक बॉटल दी थी पीने के लिए। बच्चे की मौत होने के बाद दवाई और कागज बच्चे के साथ ही दफना दिए हैं।


बीएमओ से मांगी रिपोर्ट


सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े ने बताया कि आमला विकासखंड के दो बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में एक निजी चिकित्सक द्वारा किया गया था। इनमें से एक बच्चे का इलाज परिजन बैतूल भी लेकर आए थे। यह मामला 24 सितम्बर का है। बैतूल के चिकित्सक ने बच्चे को एम्स के लिए रेफर किया था। दोनों बच्चों की मौत के पीछे खांसी सिरप का सेवन होने की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। मैंने बीएमओ से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि बच्चों ने वही सिरप पिया था या नहीं।


विभाग ने जारी की एडवाइजरी


डॉ. मनोज कुमार हुरमाडे ने जिले के सभी निजी मेडिकल स्टोरों और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी प्रकार की औषधि या सिरप केवल पंजीकृत डॉक्टर की पर्ची पर ही दी जाए। जिले में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा या सिरप बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही औषधि निरीक्षक और खाद्य एवं औषधि प्रशासन को भी निगरानी बढ़ाने और संदिग्ध या अप्रमाणित दवाओं की बिक्री रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा या सिरप सेवन न करें।


जांच दल गठित


दोनों बच्चों की मौत को लेकर सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े ने जांच दल गठित किया है। इस टीम में डीएचओ राजेश परिहार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष सिंह ठाकुर, प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रांजल उपाध्याय एवं औषधि निरीक्षक संदीप जादौन शामिल हैं। यह टीम दोनों बच्चों के घर जाकर परिजनों से चर्चा कर जानकारी एकत्रित करेगी। डॉ. मनोज हुरमाड़े ने यह भी बताया कि जरूरत पडऩे पर शवों के पोस्टमार्टम कराने की भी कार्यवाही की जाएगी।

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