महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हुआ पहला पेज तैयार, वजन करीब 8 किलो, हरिद्वार में होगी पहली प्रस्तुति
Unique masterpiece: इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक अनोखी और ऐतिहासिक धार्मिक कृति तैयार की जा रही है। यहां एडवोकेट लोकेश मंगल द्वारा पीतल की रामायण बनाई जा रही है, जिसमें महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के 24 हजार श्लोक अंकित किए जाएंगे। इस अनोखी रामायण का पहला पेज महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर तैयार किया गया। पूरी रामायण आगामी दीपावली तक तैयार होने की उम्मीद है।
📜 850 पीतल पन्नों पर होगी रामायण की रचना
लोकेश मंगल ने बताया कि रामायण को 40 गेज की पीतल शीट्स पर उकेरा जा रहा है।
प्रत्येक पन्ना 7 इंच लंबा और 5 इंच चौड़ा होगा, तथा दोनों ओर छपाई की जाएगी।
पूरी रामायण 850 पन्नों में तैयार होगी और इसका वजन करीब 8 किलो रहेगा।
“यह रामायण तीन हजार साल तक सुरक्षित रह सकेगी। हर पेज की कटाई में लगभग 12 घंटे का समय लगता है और पूरी प्रक्रिया में करीब 108 घंटे का समय लगेगा,” — लोकेश मंगल, एडवोकेट
🪔 दीपावली तक तैयार होगी, पहले हरिद्वार ले जाई जाएगी
पीतल की रामायण के तैयार होने के बाद इसे सबसे पहले हरिद्वार ले जाया जाएगा।
“यह कार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की प्रेरणा से किया जा रहा है। सबसे पहले इसे उनके पास लेकर जाएंगे, उसके बाद इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा,” — लोकेश मंगल
उन्होंने बताया कि निर्माण की लागत लगभग 5 हजार रुपए आएगी। इसमें धातु की लागत शामिल है, जबकि कटाई और प्रिंटिंग का कार्य सेवा रूप में किया जा रहा है।
🪶 पहले भी बना चुके हैं कई धातु आधारित ग्रंथ
लोकेश मंगल इससे पहले भी पीतल पर महाभारत, संविधान से संबंधित दस्तावेज, और महाराजा अग्रसेन जी से जुड़े ग्रंथ उकेर चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्य न केवल कला का उदाहरण है, बल्कि भारतीय सनातन परंपरा और शास्त्रीय गौरव का प्रतीक भी है।
✨ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर बनेगी यह रामायण
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर इस रामायण का पहला पृष्ठ तैयार किया गया। लोकेश मंगल का कहना है कि यह पीतल की रामायण आने वाले समय में देश की एक अद्वितीय धार्मिक धरोहर के रूप में सामने आएगी। दीपावली के बाद इसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए मीडिया के माध्यम से लोगों को दिखाया जाएगा।
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