अब होलसेलर और केमिस्ट भी घेरे में, सबूत छिपाने के आरोप में कार्रवाई की तैयारी
Action: छिंदवाड़ा/जबलपुर/ मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप कांड की जांच अब दवा कंपनी के मालिक और डॉक्टरों से आगे बढ़कर होलसेलर और केमिस्टों तक पहुंच गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने एक रिपोर्ट पुलिस को सौंपी है, जिसमें कई दवा दुकानदारों पर सबूत छिपाने के आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अब इन दुकानदारों को सह-आरोपी बनाने की तैयारी में है।
छिंदवाड़ा के पुराना पावर हाउस इलाके में स्थित ‘न्यू अपना फार्मा’ के संचालक राजेश सोनी ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के प्रमुख होलसेलर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सिरप की बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा और बची हुई बोतलें जांच टीम को नहीं दीं। एसपी अजय पांडे ने बताया कि पुलिस अब सबूत मिटाने के एंगल से जांच कर रही है और जल्द केस दर्ज किया जा सकता है।
उधर, FDA ने जबलपुर में श्रीसन फार्मा के महाकौशल डीलर कटारिया फार्मास्युटिकल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। वहीं, राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) रविवार शाम को मामले के मुख्य आरोपी रंगनाथन गोविंदन (श्रीसन फार्मा मालिक) को लेकर तमिलनाडु के लिए रवाना हो गई है।
कांचीपुरम स्थित फैक्ट्री में पहले से मौजूद टीम उत्पादन, स्टॉक और कच्चे माल से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है और कर्मचारियों से पूछताछ भी कर रही है।
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने कहा —
“पुलिस तथ्यों के आधार पर हर संबंधित व्यक्ति की भूमिका की जांच कर रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
इस बीच, ड्रग इंस्पेक्टरों ने छिंदवाड़ा के कई मेडिकल स्टोर्स से 49 कफ सिरप के सैंपल भोपाल लैब भेजे हैं। इनमें अग्रवाल औषधि भंडार, शिव फार्मा और खंडेलवाल मेडिकल स्टोर जैसे नाम शामिल हैं। 7 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जा सकते हैं।
जबलपुर के कटारिया फार्मास्युटिकल की जांच में भी कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। गोदाम बिना अनुमति के चलाया जा रहा था, रेफ्रिजरेटर नहीं था, और सेल-परचेज रिकॉर्ड अधूरा पाया गया। FDA ने गोदाम को सील कर लिया है और दवाओं की कस्टडी लेकर जांच शुरू कर दी है।
जांच में यह भी पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप सिर्फ जबलपुर से होकर छिंदवाड़ा भेजा जाता था, जिससे वितरण चेन पर संदेह गहराया है। फर्म को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
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