Fire incident: जैसलमेर/जोधपुर: जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे लगी भीषण आग में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे के बाद से शवों की पहचान नहीं हो सकी है। बुधवार सुबह तक जोधपुर और जैसलमेर के अस्पतालों में मृतकों के डीएनए सैंपल लेकर जांच की जा रही है, ताकि पहचान सुनिश्चित की जा सके।
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि मंगलवार को तीन गंभीर मरीज वेंटिलेटर पर थे, वहीं आज सुबह दो और मरीजों की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें भी वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि डीएनए सैंपल वेरिफिकेशन में समय लग रहा है, जिससे परिवारों को कुछ देरी का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार सुबह हादसे में शहीद हुए सेना के जवान के परिजनों और जोधपुर के एक अन्य परिवार ने पहचान प्रक्रिया को लेकर नाराजगी जाहिर की।
हादसे के कारणों पर अलग-अलग दावे
हादसे के कारण को लेकर कई थ्योरी सामने आ रही हैं। शुरुआत में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई गई थी। बाद में दावा किया गया कि एसी का कम्प्रेशर पाइप फटने से आग लगी। वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि बस की डिग्गी में पटाखे भरे थे, जिससे आग और भी भड़क उठी।
राहत और सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीएम राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
मंत्री का बयान
राजस्थान सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि “पीछे से धमाके की आवाज आई। हमें लग रहा है कि एसी का कम्प्रेशर फट गया। गैस और डीजल के साथ मिलकर बहुत भीषण आग लगी। बस में एक ही दरवाजा था, जिससे लोग फंस गए। आगे बैठे कुछ यात्री निकल सके, बाकी जो पीछे थे वे बच नहीं पाए। कुछ लोग तो पूरी तरह खाक हो गए, उनकी पहचान तक मुश्किल है।”
हादसे के 18 घंटे बाद भी कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही परिजनों को शव सौंपे जाएंगे। पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी है।
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