भारत बोला, जनता के हित में लेंगे फैसले
Trump’s claim: वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने का भरोसा दिया है। व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने कहा— “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत के रूस से तेल खरीदने से मुझे खुशी नहीं थी, लेकिन अब मोदी ने वादा किया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।”
अमेरिका ने अगस्त 2025 में रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। इससे पहले उसने 25% ‘रेसीप्रोकल टैरिफ’ लगाया था, यानी अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लागू है।
🔹 भारत ने ट्रम्प के दावे पर दी सफाई
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा— “भारत तेल और गैस का बड़ा खरीदार है। हमारी ऊर्जा नीति का उद्देश्य जनता के हितों की रक्षा करना है। हम अपनी सप्लाई चेन को विविध बनाकर स्थिर कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग पर हमारी बातचीत जारी है।”
🔹 विपक्ष का हमला: “मोदी डर गए हैं”
ट्रम्प के बयान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए X (ट्विटर) पर लिखा—
“पीएम मोदी डर गए हैं। वे ट्रम्प को यह ऐलान करने देते हैं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने देश की गरिमा से समझौता किया है।”
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार अमेरिका की दबाव नीति के आगे झुक रही है और इससे भारत की विदेश नीति कमजोर हो रही है।
🔹 ट्रम्प बोले: “मोदी मुझसे प्यार करते हैं”
ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजाकिया लहजे में कहा— “भारत में अमेरिकी राजदूत बनने जा रहे सर्जियो गोर ने बताया कि मोदी मुझसे प्यार करते हैं। हालांकि, मैं चाहता हूं कि ‘प्यार’ शब्द का गलत मतलब न निकाला जाए। मोदी लंबे समय से भारत में सत्ता में हैं, और उन्होंने मुझे भरोसा दिया है कि रूस से तेल खरीद जल्द बंद हो जाएगा।”
🔹 पृष्ठभूमि: रूस से भारत का तेल व्यापार
रूस अब भी भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है।
- सितंबर 2025 में भारत ने अपने कुल आयात का 34% तेल रूस से खरीदा।
- अगस्त में यह आंकड़ा 1.72 मिलियन बैरल प्रतिदिन (bpd) था, जो सितंबर में घटकर 1.61 मिलियन bpd रह गया।
- सरकारी रिफाइनरियों (IOC, BPCL, HPCL) ने आयात 45% घटाया, जबकि निजी कंपनियों (रिलायंस, नायरा एनर्जी) ने खरीद बढ़ाई।
🔹 रूस से तेल खरीद क्यों फायदेमंद
- कम दाम – रूस भारत को अन्य देशों से 3–6 डॉलर सस्ता तेल बेचता है।
- लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट – कई भारतीय कंपनियों के रूस से दीर्घकालिक समझौते हैं।
- वैश्विक स्थिरता – भारत का आयात बंद होने पर वैश्विक तेल कीमतें बढ़ सकती हैं।
🔹 संभावित विकल्प
भारत रूस के अलावा इराक (21%), सऊदी अरब (15%), और अमेरिका (7%) से भी तेल खरीदता है। इसके अलावा नाइजीरिया, UAE, गयाना, ब्राजील जैसे देशों से भी सप्लाई ली जा रही है।
साभार…
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