Announcement: भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि वे 2029 का लोकसभा चुनाव झांसी से ही लड़ेंगी। उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की ही है। पार्टी कहेगी तो जरूर लड़ूंगी, मना नहीं करूंगी।”
पूर्व सीएम ने कहा कि वे राजनीति में हाशिए पर नहीं हैं और वर्तमान में गाय व गंगा के संरक्षण को लेकर दिल से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह काम राजनीति से जुड़ा नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति से जुड़ा अभियान है।
🐄 लाड़ली बहनों को दो गाय देने की वकालत
उमा भारती ने कहा कि वे चाहती हैं कि लाड़ली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं को दो-दो गाय दी जाएं। इससे गायों की रक्षा होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि “गाय तब बचेगी जब किसान चाहेगा। गाय और गंगा आत्मनिर्भर भारत की धुरी हैं।”
🌾 गोपाष्टमी से डेढ़ साल का गो-संवर्धन अभियान
उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर (गोपाष्टमी) से गो-संवर्धन अभियान की शुरुआत होगी, जो डेढ़ साल तक चलेगा। इसकी शुरुआत भोपाल के दशहरा मैदान से की जाएगी। इस अभियान में ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा। गोपालन के लिए पंचायतों की राशि से चरवाहे की सेवा भी ली जाएगी।
🌊 4 नवंबर से गंगा सफाई अभियान
उमा भारती ने बताया कि 4 नवंबर (कार्तिक चतुर्दशी) को गंगा सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। इसमें देशभर से प्रमुख लोग प्रयागराज पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि “50 करोड़ लोगों ने गंगा में स्नान किया है, अब सभी की जिम्मेदारी है कि उसे साफ रखने में योगदान दें।”
🚗 सड़कों पर आवारा गायों से हादसों पर चिंता
सड़कों पर आवारा गायों की वजह से हो रहे हादसों पर उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरह सड़कों के किनारे फेंसिंग होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस विषय पर बात हो चुकी है और उन्होंने फेंसिंग के लिए बजट प्रावधान लागू कराने का आश्वासन दिया है।
🕉 “राजनेताओं को शास्त्र मर्मज्ञ नहीं बनना चाहिए”
मुख्यमंत्री मोहन यादव के भगवान कृष्ण को लेकर दिए बयान पर उमा भारती ने कहा, “राजनेताओं को शास्त्र मर्मज्ञ बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ‘गोपाल’ नाम बहुत पुराना और सर्वस्वीकार्य है। माखनचोर नाम पर रोक जैसी बातें नहीं होनी चाहिए।”
⚕ कुपोषण पर अफसरों को घेरा
राज्य में बच्चों की कुपोषण से मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि अफसर नियमों का पालन सही ढंग से नहीं करा पाते। निर्माण कार्यों के बाद जमीनी स्थिति की जांच जरूरी है, वरना योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता।
क्या चाहेंगे कि मैं इस रिपोर्ट का एक संक्षिप्त डिजिटल एडिशन (200 शब्दों का न्यूज़ ब्रीफ) भी तैयार कर दूं जो ऑनलाइन पोर्टल या सोशल मीडिया पोस्ट के लिए उपयुक्त हो?
साभार…
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