Bhai Dooj: खेड़ी सांवलीगढ़। कार्तिक मास के दीपावली पर्व के बाद यम द्वितीया भाई दूज का पर्व भाई और बहन के आदर्श प्रेम का पर्व है। आज के पर्व पर पौराणिक महत्व के चलते भाई बहन ताप्ती नदी में साथ- साथ डुबकियां लगाते है तो यमदेव उन पर विशेष कृपा बरसाते है। अंत समय में जब यह जीव सांसारिक बंधनों को तोडक़र यम मार्ग से यमलोक के लिए प्रस्थान करता है तो उसे यम मार्ग में कोई कष्ट नहीं होता बल्कि वह देवलोक में विमान के द्वारा पहुंच जाता है। उस जीव की दुर्गति नहीं होती जो शनि और यमदेव की लाडली बहन ताप्ती नदी में भाई दूज के दिन ताप्ती जल के प्रवाह में डुबकियां लगाते है। यह ताप्ती नदी स्नान का पुण्य अनंत काल तक पुण्य फल प्रदान करता है ताप्ती जी में वैसे भी जो स्नान करते है उनकी कभी दुर्गति नहीं होती है।
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