आठ मंदिरों पर भी होगा ध्वजारोहण
Grand event: अयोध्या। भगवान राम का मंदिर तय समय पर बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 1 साल 9 महीने बाद अयोध्या में एक बार फिर भव्य आयोजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराएंगे।
केसरिया रंग की इस खास पताका पर सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष (अयोध्या का शाही वृक्ष, जिसे कचनार कहा जाता है) के प्रतीक बने हैं। 161 फीट ऊंचे शिखर पर स्थापित 42 फीट ऊंचे स्तंभ पर यह 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी ध्वजा फहराई जाएगी। ध्वजा को 60 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा और तूफान झेलने योग्य बनाया गया है। यह 360 डिग्री घूम भी सकेगी।
📅 आयोजन का कार्यक्रम
मुख्य आयोजन 25 नवंबर को सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे।
21 नवंबर से धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू होगी। प्रधानमंत्री आठ अन्य मंदिरों — शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर — पर भी ध्वजारोहण करेंगे।
🧾 ध्वज परीक्षण और गुणवत्ता
ध्वज के कपड़े का चयन आज, 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति की बैठक में पेश टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।
ध्वज-स्तंभ बॉल-बेयरिंग पर 360 डिग्री घूमने वाला है, जिससे यह तेज हवाओं में भी सुरक्षित रहेगा।
🏨 10 हजार मेहमान और 3 हजार कमरे बुक
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आयोजन के लिए देश-विदेश से आने वाले 10 हजार अतिथियों की तैयारी की है। करीब 3 हजार होटल रूम, गेस्ट हाउस और होम स्टे पहले से बुक किए जा चुके हैं।
इस आयोजन में RSS प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के वरिष्ठ नेता, संत और साधु-संत भी शामिल होंगे।
🌍 स्काउट-गाइड का विश्व रिकॉर्ड आयोजन
ध्वजारोहण के बाद भाजपा की ओर से ‘विकसित उत्तर प्रदेश अभियान’ की शुरुआत होगी। इसके तहत अयोध्या में दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट-गाइड जम्बूरी आयोजित की जाएगी, जिसमें 35 हजार कैडेट्स शामिल होंगे।
🔐 सुरक्षा और आमंत्रण व्यवस्था
समारोह के दौरान सिर्फ आमंत्रित अतिथियों को ही एंट्री मिलेगी। प्रवेश के लिए ट्रस्ट की ओर से जारी स्पेशल पास आधार कार्ड से लिंक होंगे। इन पासों पर गेस्ट की पूरी जानकारी, प्रवेश द्वार, पार्किंग और बैठने की जगह का विवरण दर्ज रहेगा।
इस व्यवस्था का उद्देश्य सुरक्षा को पूरी तरह सुनिश्चित करना है ताकि किसी और व्यक्ति द्वारा आमंत्रण पत्र का दुरुपयोग न हो सके।
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