यूपीएससी मॉडल पर होगी भर्ती प्रक्रिया
Announcement: भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए अब अलग-अलग परीक्षाएं नहीं होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को ऐलान किया कि प्रदेश में एकीकृत भर्ती परीक्षा प्रणाली लागू की जाएगी। यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर आयोजित की जाएगी।
सीएम ने कहा कि रोजगार के लिए अब तक अलग-अलग विभाग परीक्षाएं आयोजित करते थे, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी। नई प्रणाली से समय की बचत होगी और युवाओं को तेजी से रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री यह घोषणा राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में की।
🔹 सरकारी भर्ती का नया फॉर्मूला
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यह तय हो गया है कि अब प्रदेश में समान श्रेणी के पदों के लिए एक ही परीक्षा होगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
उम्मीदवारों को आवेदन करते समय पदों की प्राथमिकता (चॉइस फिलिंग) देनी होगी। इसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन किया जाएगा।
🔹 भर्ती और पदोन्नति से जुड़े अहम ऐलान
- 20 हजार से अधिक पुलिस पद अगले तीन साल में भरे जाएंगे।
 - कर्मचारियों की वेतन विसंगति और ग्रेड पे विवाद सुलझाने के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कर्मचारी आयोग गठित होगा।
 - अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर जल्द रास्ता निकालने का आश्वासन दिया गया।
 - महंगाई भत्ता (DA) केंद्र सरकार के समान देने की प्रक्रिया जारी है।
 - हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जो नौ साल से लंबित था, उसे जारी करने का निर्णय लिया गया है।
 - आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के 19,504 नए पद भरे जाएंगे।
 - उन्हें जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
 - 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन (UPS) पर समिति गठित की गई है।
 
🔹 प्रमोशन में आरक्षण पर हाईकोर्ट सख्त
इस बीच, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की रिपोर्ट पर असंतोष जताया।
सरकार ने कर्मचारियों के आंकड़े और ऑडिट रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की, लेकिन मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने कहा कि कुछ विभागों में पहले से ही आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व अधिक है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार कर पेश किया जाए, जिसमें आरक्षित वर्ग का वास्तविक प्रतिनिधित्व स्पष्ट हो। अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
🔹 कर्मचारियों ने सौंपा मांगपत्र
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को मांगपत्र सौंपा।
मुख्य मांगें —
- महंगाई भत्ता बढ़ाया जाए
 - सेवानिवृत्ति आयु समान की जाए
 - शिक्षकों की नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता तय की जाए
 - साभार…
 
                                                                                                                                
				            
				            
				            
				            
                            
                                        
                                        
				            
				            
				            
				            
			        
			        
			        
			        
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