लंबे ड्यूटी आवर्स, मानसिक दबाव और वेतनमान को लेकर नाराज़गी
Agitation: बैतूल/नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 48 घंटे की हंगर फास्ट (भूख हड़ताल) पर चले गए हैं। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के आव्हान पर देशभर में 1 लाख 20 हजार रनिंग स्टाफ 2 दिसंबर सुबह 10 बजे से 4 दिसंबर सुबह 10 बजे तक बिना भोजन ड्यूटी कर रहा है।
मध्य प्रदेश में यह आंदोलन कटनी, जबलपुर, सतना, सागर, बीना, भोपाल, इटारसी, गुना, कोटा और गंगापुरसिटी की क्रू लॉबी में शुरू हो चुका है।
AILRSA के जोनल सचिव वीके जैन ने कहा कि “लोको पायलट रेल सुरक्षा की रीढ़ हैं, लेकिन हमारी मांगों पर वर्षों से सिर्फ आश्वासन मिला है। काम के प्रतिकूल हालात और लंबे ड्यूटी आवर्स के बीच हम मजबूर होकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं।”
🔴 AILRSA की 10 प्रमुख मांगें
- ट्रैवलिंग अलाउंस (TA) में 25% बढ़ोतरी के अनुपात में माइलेज भत्ता बढ़े।
- किलोमीटर भत्ते का 70% भाग आयकर मुक्त किया जाए।
- आवधिक विश्राम (PR) 46 घंटे सुनिश्चित किया जाए।
- ALP से LPM तक सभी पदों का वेतनमान L-6 से L-10 के स्तर पर तय किया जाए।
- मेल/एक्सप्रेस में अधिकतम 6 घंटे और मालगाड़ी में 8 घंटे ड्यूटी का नियम लागू हो।
- लगातार दो रात से ज्यादा नाइट ड्यूटी न कराई जाए।
- 36 घंटे के भीतर मुख्यालय वापसी सुनिश्चित की जाए।
- ALP से FSD और हैंड ब्रेक का काम बंद कराया जाए।
- महिला रनिंग स्टाफ की सुरक्षा और समस्याओं पर विशेष उपाय।
- NPS खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
🔶 लोको पायलटों की प्रमुख शिकायतें
- 9 घंटे ड्यूटी नियम के बावजूद 12–16 घंटे लगातार संचालन
- कई बार 72 से 104 घंटे तक मुख्यालय से बाहर
- इंजनों में शौचालय/यूरिनल की सुविधा नहीं
- भोजन, लंच ब्रेक और उचित विश्राम का अभाव
- 20 हजार से अधिक पद रिक्त
- सुरक्षा नियम लागू न होने से मानसिक दबाव बढ़ा
- स्वास्थ्य खराब होने पर ट्रेन संचालन प्रभावित होने की आशंका
🔵 आंदोलन शांतिपूर्ण, लेकिन संचालन पर असर की संभावना
संघ ने कहा है कि विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और जानबूझकर ट्रेनें नहीं रोकी जाएंगी।
हालांकि, उपवास के कारण किसी लोको पायलट की तबीयत बिगड़ने पर ट्रेन संचालन प्रभावित हो सकता है।
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