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Alert: मध्यप्रदेश में फिर लौटेगा भारी बारिश का दौर: 3-4 अगस्त को अलर्ट

मध्यप्रदेश में फिर लौटेगा भारी बारिश का

कई जिलों में जलभराव और बाढ़ का खतरा

Alert: भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले दो दिनों से मौसम साफ बना हुआ है, लेकिन राहत के यह दिन ज्यादा नहीं चलने वाले। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 3 और 4 अगस्त को प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का दौर लौट सकता है। इससे पहले शनिवार को भी अधिकांश जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है।

उत्तर मध्य जिलों में विशेष सतर्कता जरूरी

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ सक्रिय है। अगले 24 घंटे में इसका असर ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में देखने को मिलेगा, जहां तेज बारिश की संभावना है।

भिंड में बाढ़ से बिगड़े हालात, बुजुर्ग का रेस्क्यू

भिंड जिले के मुसावली गांव में शुक्रवार को NDRF की टीम ने बाढ़ में फंसे एक बीमार बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। सिंध और चंबल नदियां खतरे के निशान से 6-7 मीटर ऊपर बह रही हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। प्रशासन ने NDRF की टीमें तैनात कर दी हैं जो लगातार निगरानी और रेस्क्यू में जुटी हैं।

पिछले सप्ताह भी दिखा था मानसून का प्रकोप

पिछले सप्ताह पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों में जबरदस्त बारिश दर्ज की गई थी। रायसेन में बेतवा नदी के उफान से खेत, मंदिर और पुल डूब गए। नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ने से डैम ओवरफ्लो हो गए, और उनके गेट खोलने पड़े।

10 जिलों में बारिश का कोटा पार, इंदौर में सबसे कम बारिश

ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर में सामान्य से 50% ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसके उलट इंदौर और उज्जैन संभाग में अब तक कम बारिश दर्ज की गई है।

बारिश के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो…

  • भोपाल: अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश का रिकॉर्ड। औसत बारिश – 14 दिन।
  • इंदौर: 1944 में अगस्त में 28 इंच, 2020 में एक दिन में 10.5 इंच।
  • ग्वालियर: 1927 में 24 घंटे में 8.5 इंच। 1916 में 28 इंच मासिक बारिश।
  • जबलपुर: 1923 में अगस्त में रिकॉर्ड 44 इंच बारिश। 20 अगस्त को 13 इंच।
  • उज्जैन: अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश, 10 अगस्त को 12 इंच का रिकॉर्ड।

अब तक की स्थिति

16 जून से शुरू हुए मानसून के बाद अब तक प्रदेश में औसतन 28 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि इस समय तक सामान्यतः 17.6 इंच पानी गिरता है। यानी करीब 10.5 इंच अतिरिक्त बारिश हो चुकी है।

अलर्ट: 3-4 अगस्त को सावधान रहें

मौसम विभाग के अनुसार 3 और 4 अगस्त को भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव, नदी-नालों में उफान और यातायात प्रभावित हो सकता है। विशेष सतर्कता ग्वालियर, चंबल, सागर और आसपास के जिलों में बरती जाए।

बचाव और सतर्कता जरूरी

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि भारी बारिश के दौरान घरों से अनावश्यक बाहर न निकलें, जलस्रोतों से दूर रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

साभार…. 

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