10 वीं के बाद सीधे नौकरी का विकल्प
Beginning: भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण को एकीकृत करते हुए एक नई और अभिनव पहल की गई है। राज्य ओपन स्कूल शिक्षा बोर्ड अब कक्षा 9वीं से ही ITI कोर्स की सुविधा देगा, जिससे छात्र एक साथ स्कूल शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण दोनों कर सकेंगे। इस ड्युअल मॉडल से छात्र 10वीं पास करते ही रोजगार के लिए तैयार हो जाएंगे। यदि वे आगे पढ़ना चाहें, तो 12वीं तक डिप्लोमा कर सकते हैं और चाहें तो सीधे इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर में भी प्रवेश ले सकते हैं।
📚 पढ़ाई और स्किल ट्रेनिंग एक साथ, आठ ट्रेड में प्रशिक्षण
इस योजना के तहत छात्रों को स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ आठ प्रमुख ट्रेड में ITI प्रशिक्षण दिया जाएगा:
- EV मैकेनिक (इलेक्ट्रिक व्हीकल)
- प्लम्बर
- इलेक्ट्रीशियन
- मेसन (राजमिस्त्री)
- ड्रेस डिज़ाइन
- स्विंग टेक्नोलॉजी
- वायरमैन
- रेफ्रिजरेशन एंड एसी
इन ट्रेड्स के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण और लैब सुविधाएं राज्य द्वारा विकसित की जा रही हैं।
🌍 विदेशी रोजगार का भी मौका, रूस में बढ़ी मांग
राज्य ओपन स्कूल के निदेशक प्रभातराज तिवारी के अनुसार, इस योजना से प्रशिक्षित छात्रों को रूस में नौकरी के अवसर भी मिलेंगे। भारतीय दूतावास के माध्यम से रूस में 1.5 लाख से अधिक मेसन की मांग की जानकारी मिली है। चयनित छात्रों को 1 से 1.5 लाख रुपए मासिक वेतन तक की पेशकश की जा सकती है।
🏫 गाडरवाड़ा से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा स्थित साईंखेड़ा के सरकारी स्कूल में शुरू हो गया है। यह क्षेत्र राज्य के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का विधानसभा क्षेत्र है।
- यहां एक मॉडल ITI लैब, छात्रावास, और प्रशिक्षण केंद्र विकसित किया जा रहा है।
- 100 छात्रों के रुकने की व्यवस्था और विशेषज्ञों द्वारा थ्योरी व प्रैक्टिकल प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी।
🖥️ ऑनलाइन पढ़ाई और दो बार 15-15 दिन की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
- ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को 9वीं–10वीं की पढ़ाई कराई जाएगी।
- साल में दो बार 15-15 दिन छात्र मॉडल ITI में रहकर व्यावहारिक प्रशिक्षण लेंगे।
- हर सत्र में 12 घंटे प्रतिदिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
💰 कम फीस और बॉन्ड विकल्प, कोई छात्र वंचित न रहे
- ITI की सामान्य फीस ₹25,000 होती है, लेकिन योजना के तहत ₹15,000 में प्रशिक्षण मिलेगा।
- आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए बॉन्ड मॉडल अपनाया गया है—वे पढ़ाई पूरी कर एक साल नौकरी करेंगे, जिससे फीस की भरपाई हो जाएगी।
🔄 मल्टी एंट्री–एग्जिट पॉलिसी: लचीलापन हर स्तर पर
- योजना में मल्टीपल एंट्री व एग्जिट की सुविधा है।
- छात्र किसी भी स्तर (10वीं, 12वीं या डिप्लोमा) पर पढ़ाई रोक सकते हैं या फिर आगे बढ़ सकते हैं।
- यह नीति नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार की गई है।
🧑🏭 रोजगार सृजन पर भी फोकस
प्रभातराज तिवारी के अनुसार, केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर लघु उद्योगों के माध्यम से रोजगार देने की भी तैयारी है।
उद्यमियों के साथ चर्चा चल रही है, ताकि प्रशिक्षित युवाओं को उत्पादन इकाइयों में तैनात किया जा सके।
📍 अगले चरण में उज्जैन और सारंगपुर में विस्तार
गाडरवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद योजना को:
- उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र
- सारंगपुर (राजगढ़ जिला)
में लागू किया जाएगा।
राज्य मुक्त विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 45वीं कार्यकारिणी बैठक में इस योजना को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके लिए ₹4.5 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
📊 तकनीकी कौशल में भारी अंतर, योजना क्यों जरूरी?
- मप्र में 1 लाख से अधिक ITI सीटें, लेकिन EV मैकेनिक की संख्या 50 से भी कम।
- AC मैकेनिक की केवल 150 सीटें—हर साल केवल 85 प्रशिक्षित युवा तैयार हो पा रहे हैं।
- जबकि प्रदेश की आबादी 8.5 करोड़ से अधिक है। इस अनुपात में स्किल्ड वर्कफोर्स की भारी कमी है।
- साभार….
Leave a comment