Celebration: भोपाल | राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन स्थित सभागार में बुधवार को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा “शिखर खेल अलंकरण समारोह” का आयोजन किया गया। इस समारोह में 38वें नेशनल गेम्स 2025 के पदक विजेता खिलाड़ियों समेत विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल 82 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी खिलाड़ियों को पुरस्कार और सम्मान राशि भेंट की।
🏅 82 पदक विजेता सम्मानित, ₹5.46 करोड़ की राशि वितरित
इस वर्ष 38वें नेशनल गेम्स में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों ने 34 स्वर्ण, 25 रजत और 23 कांस्य पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया। सरकार ने इन विजेताओं को कुल ₹5.46 करोड़ की सम्मान राशि दी।
🎖️ विक्रम पुरस्कार – उत्कृष्ट खिलाड़ियों को ₹2 लाख की प्रोत्साहन राशि
प्रदेश के 12 खिलाड़ियों को विक्रम पुरस्कार से नवाज़ा गया, जिसमें प्रत्येक को ₹2 लाख का चेक प्रदान किया गया। कुछ प्रमुख विजेता:
- ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग) – खरगोन
- जान्हवी श्रीवास्तव (कायकिंग-कैनोइंग) – भोपाल
- रागिनी मार्को (तीरंदाजी) – जबलपुर
- श्रुति यादव (बॉक्सिंग) – भोपाल
- रूबिना फ्रांसिस (दिव्यांग शूटिंग) – जबलपुर
🏅 एकलव्य पुरस्कार – उभरते खिलाड़ियों को ₹1 लाख की प्रोत्साहन राशि
11 खिलाड़ियों को एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रत्येक को ₹1 लाख का चेक प्रदान किया गया। प्रमुख नाम:
- रितुराज बुंदेला (शूटिंग) – टीकमगढ़
- नेहा ठाकुर (सेलिंग) – देवास
- प्रखर जोशी (तैराकी) – इंदौर
- प्रियांशी प्रजापत (कुश्ती) – उज्जैन
- अर्जुन वास्कले (एथलेटिक्स) – खरगोन
🧑🏫 विश्वामित्र पुरस्कार – प्रशिक्षकों का भी सम्मान
तीन अनुभवी प्रशिक्षकों को विश्वामित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया:
- पीजूष कांती बारोई (कायकिंग-कैनोइंग) – भोपाल
- अशोक कुमार यादव (तीरंदाजी) – जबलपुर
- लोकेन्द्र शर्मा (हॉकी) – भोपाल
प्रत्येक को ₹2 लाख की सम्मान राशि दी गई।
🏆 लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान
रतनलाल वर्मा (जिम्नास्टिक) – उज्जैन निवासी को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें भी ₹2 लाख की सम्मान राशि दी गई।
🗣️ मुख्यमंत्री मोहन यादव का संबोधन – राम-कृष्ण से सीखी जाए खिलाड़ी भावना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने भाषण में राम और कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा,
“गुरु विश्वामित्र जब राम को राक्षसों से युद्ध के लिए ले गए, तब उनकी वीरता और धैर्य का विकास हुआ। राम ने अपने जीवन को खिलाड़ी भावना से गौरवमयी बनाया।”
वहीं भगवान कृष्ण के बारे में कहा,
“उन्हें माखनचोर कहना गलत है। जिसके घर में हजारों गायें हों, वह चोरी क्यों करेगा? कृष्ण का जीवन भी पराक्रम और रणनीति से भरा रहा, जो एक अच्छे खिलाड़ी के गुण हैं।”
👥 खिलाड़ियों और खेलप्रेमियों की भारी उपस्थिति
समारोह में प्रदेशभर के खिलाड़ी, कोच, खेल प्रेमी और अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने भविष्य में खेलों के लिए और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
साभार…
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