Cough syrup scandal: भोपाल: मध्य प्रदेश में 25 बच्चों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में नया खुलासा हुआ है। परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. प्रवीण सोनी ने अदालत में अपने मेमोरेंडम बयान में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड से 10% कमीशन लेने की बात स्वीकार की है। डॉक्टर ने माना कि कोल्ड्रिफ सिरप प्रिस्क्राइब करने पर उन्हें कमीशन मिलता था।
इस सिरप की एमआरपी ₹89 है, यानी हर बोतल पर डॉक्टर को सीधा आर्थिक लाभ मिल रहा था। यही नहीं, दवाइयां डॉक्टर की पत्नी और भतीजे की मेडिकल दुकान पर बेची जाती थीं, जिससे परिवार को दोहरा फायदा होता था।
⚖️ कोर्ट में खुलासा और जमानत याचिका खारिज
डॉ. सोनी ने अपने बयान में माना कि वे कंपनी से कमीशन लेते थे। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि डॉक्टर निर्दोष हैं और मिलावट की जिम्मेदारी निर्माता कंपनी और ड्रग कंट्रोल विभाग की है। लेकिन सरकारी वकील ने विरोध करते हुए कहा कि डॉक्टर को पता था कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) सिरप चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित हैं, फिर भी उन्होंने इसका उपयोग जारी रखा।
अदालत ने कहा—
“घटना की जानकारी होने के बाद भी डॉक्टर ने दवा का उपयोग जारी रखा। 18 दिसंबर 2023 की गाइडलाइन के बावजूद 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को FDC सिरप देना गंभीर लापरवाही है। अपराध गंभीर प्रकृति का है और जांच अधूरी है।”
इस आधार पर कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
🚨 SIT की कार्रवाई और गिरफ्तारी
मध्य प्रदेश सरकार की विशेष जांच दल (SIT) ने तमिलनाडु से श्रीसन फार्मा की केमिकल एनालिस्ट को गिरफ्तार किया है। इससे पहले कंपनी के मालिक गोविंदन रंगनाथन (75 वर्ष), डॉ. प्रवीण सोनी और दो स्थानीय फार्मासिस्टों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड (20 अक्टूबर तक) पर भेजा गया है।
🧪 WHO की चेतावनी और जांच रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 13 सितंबर को तीन भारतीय कफ सिरप—कोल्ड्रिफ (Shriisan), रेस्पिफ्रेश TR (Rednex), और रीलाइफ (Shape Pharma)—के खिलाफ वैश्विक चेतावनी जारी की थी। WHO ने कहा कि इन सिरप में ऐसे रासायनिक तत्व हैं जो बच्चों के गुर्दे (किडनी) को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नंबर SR-13 की जांच में पाया गया कि इसमें
- 48.6% w/v डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद था,
- और एथिलीन ग्लाइकॉल भी मिला था — दोनों ही किडनी फेलियर के लिए जिम्मेदार जहरीले तत्व हैं।
सिरप को “Not of Standard Quality” घोषित किया गया।
🏭 श्रीसन फार्मा पर सख्त कार्रवाई
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
राज्य के ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने कंपनी को हमेशा के लिए बंद कर दिया है।
साभार…
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