दोनों में मानक से अधिक मिला डायएथिलीन ग्लाइकॉल
Dangerous: भोपाल। कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था कि ताजा रिपोर्ट में री लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर दो और सिरप जहरीले पाए गए हैं। इनमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल ज्यादा से ज्यादा पाया गया है। ये दोनों सिरप गुजरात में बनाए गए हैं। मध्यप्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में सोमवार को यह खुलासा हुआ है। यह वही केमिकल है, जो कोल्ड्रिफ कफ सिरप में मिले थे। अधिकारियों के अनुसार, दोनों सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
26 से 28 सितंबर 2025 तक छिंदवाड़ा जिले में औषधि निरीक्षकों की टीम ने औषधि विक्रय संस्थानों और अस्पतालों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने कुल 19 दवाओं के नमूने जांच के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं को भेजे थे। अब इनकी रिपोर्ट की आ गई है। जिसमें गाइडलाइन के अनुसार कफ सिरप में अधिकतम 0.1 प्रतिशत डायएथीलिन ग्लाइकॉल की मौजूदगी स्वीकार्य है। लेकिन जांच में 4 सिरप मानक पर खरे नहीं उतरे हैं। इन सिरप से किडनी फेल और ब्रेन डैमेज होने जैसी स्थितियां पैदा हो का खतरा है।
सबसे पहले इन पर लगा था बैन
कोल्ड्रिफ बैच नंबर एसआर-13 और नेक्स्ट्रो-डीएस बैच नंबर एक्यूडी-2559 कफ सिरप पर लगे बैन के अलावा, इंदौर में बनी डिफ्रॉस्ट सिरप को बाजार से वापस बुलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर की आर्क फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के खिलाफ कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर डिफ्रॉस्ट सिरप बैच नं. 11198 को बाजार से रिकॉल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, औषधि महानियंत्रक (भारत सरकार) और संबंधित राज्यों हिमाचल प्रदेश एवं तमिलनाडु के औषधि नियंत्रकों को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।
दो और केमिकल को लेकर अलर्ट
राज्य सरकार ने सभी औषधि निर्माताओं, निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों के डीन को एडवाइजरी जारी की है। इसमें क्लोरफेनिरामाइन मलेट और फिनाइलफ्रिन एचसीएल जैसे रसायनों के उपयोग को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। ये दोनों खांसी-जुकाम की दवाओं में आम तौर पर पाए जाने वाले सक्रिय तत्व हैं। यह संयोजन उपयोगी तो है, लेकिन छोटे बच्चों या बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल पर खतरनाक साबित हो सकता है।
औषधि निरीक्षण और रिकॉल प्रक्रिया तेज
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पूरे प्रदेश में औषधि निरीक्षण की गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। जिन भी सिरप पर शक है, उन्हें बाजार से वापस बुलाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। औषधियों की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सरकार इस दिशा में लगातार सतर्क रहते हुए कार्रवाई कर रही है।
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