Deadline: भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति प्रक्रिया को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। राज्य सरकार ने पदोन्नति नीति 2025 को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने के बाद अब सभी विभागों में प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय ने भी सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली (ACR) तैयार करने का आदेश दिया है।
⏳ 7 दिन में पूरी होनी है ACR प्रक्रिया
पुलिस विभाग को विशेष निर्देश देते हुए स्पेशल डीजी आदर्श कटियार ने कहा कि प्रदेश के सभी एसपी और पुलिस इकाइयों के प्रमुख अपने अधीनस्थों की ACR रिपोर्ट 7 दिन में तैयार करें, जिससे समय पर पदोन्नति प्रक्रिया संपन्न हो सके। यदि किसी कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट अधूरी है, तो उसका प्रमोशन अटक सकता है।
📅 31 जुलाई तक पूरी होगी पदोन्नति प्रक्रिया
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि 31 जुलाई तक विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठकें कर ली जाएं और कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोपनीय चरित्रावली समयसीमा में पूर्ण होनी चाहिए।
👥 50 हजार कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस प्रक्रिया से करीब 50,000 कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि पिछले 9 वर्षों से हजारों कर्मचारी पदोन्नति की प्रतीक्षा में रिटायर हो चुके हैं, जिससे भारी असंतोष था। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत देने जा रही है।
⚖️ नई पदोन्नति नीति के प्रमुख बिंदु:
- पदों का आरक्षण: SC – 16%, ST – 20%, शेष अनारक्षित वर्ग।
- क्लास-1 पदों पर मेरिट कम सीनियरिटी,
क्लास-2 और नीचे के पदों पर सीनियरिटी कम मेरिट के आधार पर पदोन्नति होगी। - पूर्व में प्रमोशन पाए कर्मचारियों को रिवर्ट नहीं किया जाएगा।
- रिटायर्ड कर्मियों को पूर्व प्रभाव से लाभ नहीं मिलेगा।
- हर संवर्ग के पद अलग से तय होंगे।
- SC-ST वर्ग का एक-एक अधिकारी DPC में अनिवार्य रूप से शामिल होगा।
- CR (Confidential Report) की अनुपलब्धता में प्रमोशन नहीं मिलेगा।
- साभार…
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