Display: नई दिल्ली। 26 जनवरी 2025 को कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले 76वें गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना अपनी ताकत, अनुशासन और तकनीकी प्रगति का बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। इस वर्ष परेड में आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्वदेशी तकनीकी नवाचारों की झलक विशेष रूप से देखने को मिलेगी।
प्रमुख आकर्षण: सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
भारतीय सेना के मार्चिंग दस्ते में अत्याधुनिक और घातक हथियार प्रणाली शामिल होंगी:
- टी-90 भीष्म टैंक
- सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम
- पिनाका रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम
- आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
- नाग मिसाइल सिस्टम
- क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (नंदीघोष)
- शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम
- बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (संजय)
- ऑल टेरेन व्हीकल (चेतक)
- लाइट स्ट्राइक व्हीकल (बजरंग)
- ग्रेड बीएम-21 रॉकेट लॉन्चर
मार्चिंग दस्तों में भागीदारी
सेना की परेड में 6 प्रमुख रेजिमेंट भाग लेंगी:
- ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स
- महार रेजिमेंट
- जाट रेजिमेंट
- गढ़वाल राइफल्स
- जम्मू-कश्मीर राइफल्स
- कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स
सैन्य बैंड अपने देशभक्ति से भरे मधुर संगीत के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो सशस्त्र सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं, के सामने कदमताल करेंगे।
विशेष तैयारी
भारतीय सेना ने बताया कि परेड की तैयारी अंतिम चरण में है। इस बार का प्रदर्शन सेना की सुसंगठित परंपरा और आधुनिक तकनीक के संयोजन को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा।
मुख्य अतिथि और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
इस वर्ष परेड में मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को और मजबूत करेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
गणतंत्र दिवस परेड आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी तकनीकों के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाएगी। यह परेड रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की प्रगति का प्रतीक बनेगी। गणतंत्र दिवस परेड में सेना के अनुशासन, समर्पण, और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन भारत के आत्मविश्वास और ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा।
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