Drug: भोपाल। देश का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश और उसकी राजधानी भोपाल अब नशे की रसोई बनती जा रही है। बीते दस महीनों में यहां दो बड़ी एमडी ड्रग फैक्ट्रियां पकड़ी गईं, जिनकी सप्लाई मंदसौर से लेकर मुंबई, गुजरात और राजस्थान तक होती थी। जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क में नाइजीरिया और थाईलैंड की महिलाएं शामिल थीं। अधिकारी मान रहे हैं कि भोपाल ड्रग तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है और यहां से विदेश तक नशे की सप्लाई की जा रही है।
फैक्ट्रियों से बरामदगी
- अक्टूबर 2024: गुजरात एटीएस और एनसीबी ने संयुक्त कार्रवाई में कटारा हिल्स स्थित बगरोदा गांव में फैक्ट्री से 900 किलो एमडी ड्रग जब्त किया।
- अगस्त 2025: डीआरआई ने जगदीशपुर से 61.2 किलो एमडी ड्रग बरामद किया।
दोनों मामलों में बंद पड़ी फैक्ट्रियों को किराए पर लेकर यह कारोबार चलाया जा रहा था, जबकि स्थानीय पुलिस इस पर नज़र रखने में नाकाम रही।
भोपाल की भौगोलिक स्थिति बन रही मददगार
अधिकारियों के मुताबिक भोपाल से गुजरने वाले रास्तों में चेक पोस्ट नहीं हैं।
- ब्यावरा होते हुए झालावाड़ (राजस्थान) और फिर हरियाणा- दिल्ली तक सीधा मार्ग।
- नागपुर होकर महाराष्ट्र तक आसान पहुंच।
यही वजह है कि ड्रग माफिया भोपाल को ट्रांजिट हब बना रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर सप्लाई नहीं
जांच में सामने आया है कि फैक्ट्रियों में तैयार माल भोपाल में सप्लाई नहीं होता था। आरोपित हाईवे से सीधे अन्य राज्यों में ड्रग भेजते थे, ताकि स्थानीय स्तर पर पकड़ में न आएं। गिरोह का सरगना अब भी फरार है।
विदेशी तस्करों की भूमिका
जुलाई 2025 में क्राइम ब्रांच ने मादक पदार्थ तस्कर यासीन अहमद उर्फ ‘मछली’ और उसके चाचा शाहवर अहमद को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि यह गिरोह दिल्ली के नाइजीरियन नेटवर्क और थाईलैंड की महिला तस्करों से जुड़ा है। पार्टी डीजे के बहाने यासीन विदेशियों से संपर्क कर नशा मंगवाता था।
पुलिस में दर्ज मामले बढ़े
- 2025 (जनवरी–17 अगस्त): 35 केस, 62 गिरफ्तारी।
- 2024: 51 केस, 95 गिरफ्तारी।
- 2023: 18 केस, 30 गिरफ्तारी।
बड़ी कार्रवाई केंद्रीय एजेंसियों की
अब तक नशा तस्करी की बड़ी कार्रवाई एनसीबी और डीआरआई जैसी एजेंसियों ने की हैं, जबकि पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
साभार…
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