बढ़ेंगी दरें, स्मार्ट मीटरिंग से बढ़ेगा खर्च
Electricity: भोपाल। नए वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई दरों और स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम के कारण अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है। मप्र विद्युत नियामक आयोग के पास प्रस्तावित नई बिजली दरों में स्मार्ट मीटर की लागत को बिल में जोड़ने का सुझाव दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ जाएगा।
📌 कैसे बढ़ेगा बिजली बिल?
⚡ टाइम ऑफ द डे (ToD) टैरिफ:
- सुबह 6 से 10 बजे और शाम 6 से रात 10 बजे तक बिजली की दर 20% अधिक होगी।
- अभी यह नियम 10 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं पर लागू है, लेकिन प्रस्ताव के तहत इसे सभी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं पर लागू किया जा सकता है।
⚡ स्मार्ट मीटर की लागत बिल में जोड़ी जाएगी:
- मीटर की खरीद, स्थापना, रखरखाव, डेटा ट्रांसमिशन और साइबर सुरक्षा की लागत उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी।
- इस लागत को महीने के बिजली बिल में ईएमआई के रूप में शामिल किया जाएगा।
- कुल लागत: लगभग ₹25,080 प्रति मीटर, जिसमें 18% जीएसटी शामिल होगा।
- यह राशि 7.5 से 10 साल तक बिजली बिल में जोड़ी जाती रहेगी।
📊 स्मार्ट मीटर के लिए 754.32 करोड़ का प्रस्ताव
💰 बिजली कंपनी ने नियामक आयोग से स्मार्ट मीटर के लिए ₹754.32 करोड़ की मांग की है।
📑 याचिका में वार्षिक रखरखाव, निगरानी, डेटा ट्रांसमिशन शुल्क और निजी एजेंसी को दी जाने वाली लीज फीस का भी उल्लेख किया गया है।
🛑 जनवरी में हुई सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं और विशेषज्ञों ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई।
🔴 विरोध के कारण और विशेषज्ञों की राय
👨🔧 रिटायर्ड चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल:
- मीटर की किश्त 18% जीएसटी सहित वसूली जाएगी।
- बिल में अलग से नहीं दिखेगी, जिससे उपभोक्ता को पता नहीं चलेगा कि कितना अतिरिक्त भुगतान कर रहा है।
🔍 रिटायर्ड कमर्शियल डायरेक्टर एसके श्रीवास्तव:
- मीटर किराया लेना पहले ही बंद किया जा चुका है।
- यदि यह लागत उपभोक्ता से वसूली जा रही है, तो उसे स्पष्ट रूप से बिल में दिखाया जाना चाहिए।
⚡ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर:
- मीटर का किराया पहले भी लिया जाता था।
- अब डिजिटल मीटर के साथ ही राशि वसूलने का प्रस्ताव है।
- स्मार्ट मीटर की लागत लीज शुल्क के रूप में जोड़ी जाएगी।
source internet… साभार….
Leave a comment