Endosulfan:कर्नाटक: एंडोसल्फान के प्रभाव को लेकर कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ में जो स्थिति सामने आई है, वह बेहद चिंताजनक है। यह घटना प्रदूषण और जहरीले रसायनों के दीर्घकालिक प्रभावों का एक भयावह उदाहरण है।
एंडोसल्फान: क्या है और इसके प्रभाव
- एंडोसल्फान एक जहरीला कीटनाशक है, जिसका उपयोग कृषि में कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था।
- इसका उपयोग काजू बागानों में फसल सुरक्षा के लिए किया गया, लेकिन यह रसायन मिट्टी, पानी और हवा में लंबे समय तक बना रहा।
- मानव शरीर में जाने के बाद यह न्यूरोलॉजिकल और प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
स्वास्थ्य पर असर
- सर्वेक्षण के अनुसार, 6,914 लोग एंडोसल्फान के प्रभाव से विकलांगता का शिकार हुए।
- 631 नए मामले भी सामने आए, जो पीढ़ीगत प्रभाव का संकेत देते हैं।
- प्रभावित बच्चों में मानसिक मंदता, शारीरिक विकलांगता, हड्डियों की विकृति और तंत्रिका तंत्र की समस्याएं देखी गई हैं।
कानूनी और स्वास्थ्य उपाय
- भारत में 2011 में एंडोसल्फान पर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव अब भी देखे जा रहे हैं।
- सरकार ने प्रभावित लोगों को मुआवजा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की पहल की है।
- सर्वेक्षण का दूसरा चरण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि सभी पीड़ितों की पहचान हो सके।
आगे का रास्ता
- नियमित चिकित्सा जांच और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
- जागरूकता कार्यक्रम और पर्यावरणीय सुधार पर जोर देना आवश्यक है।
- जैविक खेती और पर्यावरण के अनुकूल कीटनाशकों को बढ़ावा देना चाहिए।
- source internet… साभार….
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