Four-sided: सावलमेंढ़ा/आशुतोष त्रिवेदी।भैंसदेही तहसील की डेडवाकुण्ड पंचायत के शासकीय प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला विद्यालय के अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं को समय का पालन करते नहीं देखा जा रहा है ना ही इन पर कोई अंकुश लग रहा है। आलम यह है कि अतिथि शिक्षक 11 बजे स्कूल पहुंचते है और समय से पहले घर चले जाते हैं। देर से आना और जल्दी जाना इन लोगो की आदत सी बन गई है। विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कितनी ईमानदारी से किया जाता हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। शिक्षकों में नियम का पालन करने को लेकर अधिकारी का कोई भय नहीं है। विद्यालयों को सुबह 10.30 से शाम 5.00 तक खोले रखने का निर्देश है। जब स्कूल के स्थिति की पड़ताल की तो देखा गया कि डेडवाकुण्ड विद्यालय में टीचर सुबह 11 बजे पहुंच रहे है।
स्थिति यह भी है कि कई टीचर समय के पूर्व ही घर चले जाते हैं ऐसा लगता है उन पर कोई अंकुश नहीं है। हालात ये है कि शिक्षकों को सुबह 10.30 बजे स्कूल पहुंचना है, मगर वह सुबह 11 बजे के स्कूल पहुंच रहे हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य का क्या होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है अब देखना यह है कि शिक्षकों के लेट लतीफे की कहानी कब खत्म होती है शिक्षकों के स्कूल लेट पहुंचने को लेकर पलकों में भी नाराजगी है द्वारा यह हालत है ग्रामीण अंचलों में संचालित होने वाले स्कूलों की अब देखना यह है कि इन तस्वीर के सामने आने के बाद क्या कुछ सुधार स्कूल में होता है।
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