भजन की परम्परा और भक्तिभाव से गूंजा बैतूलबाजार
Immersion: बैतूलबाजार। गणेश उत्सव के समापन पर मंगलवार को बैतूल बाजार नगर में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। तेज बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और उन्होंने परंपरा के अनुरूप गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। विशेष आकर्षण रहे भगवान श्री गणेश के डोले, जिनमें भक्तों ने 500 वर्ष पुरानी परंपरा को निभाते हुए परंपरागत भजनों के साथ नगर भ्रमण किया।
स्थापना स्थल से विसर्जन स्थल तक श्रद्धालु डोलों के साथ चल पड़े। दशमी तिथि पर दोपहर बाद से ही गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस दौरान अचानक तेज वर्षा होने लगी, लेकिन भक्तों का उत्साह तनिक भी कम नहीं हुआ। श्रद्धालुओं ने चलता फिरता टेंट लगाकर और अन्य इंतज़ाम कर बारिश से बचाव किया और भक्ति भाव से दत कंधों के भजन गाते हुए सापना नदी के गणेश घाट तक पहुंचे।
नगर के बाजार चौक पर नगरवासियों ने डोलों और भक्तों का स्वागत किया। चार डोलों में सजे-धजे भगवान गणेश की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहीं। भारी वर्षा के बावजूद घाट पर बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे और अगले बरस तू जल्दी आ के जयघोष से वातावरण गूंज उठा। सापना नदी के घाट पर विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसके बाद राठौर परिवार की ओर से भक्तों के लिए स्वल्पाहार और प्रसादी का वितरण किया गया।
भक्तों ने कहा कि इस परंपरा से नगर की सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता मजबूत होती है। युवा पीढ़ी बुजुर्गों के सानिध्य में इस 500 साल पुरानी विरासत को निभा रही है, जो बैतूल बाजार की पहचान और गौरव का प्रतीक है।
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