एयरफोर्स के विमान की ट्रायल लैंडिंग
Landing: भोपाल एयरपोर्ट पर बोइंग 777-300ER की सफल लैंडिंग एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो राज्य के विमानन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे भोपाल एयरपोर्ट की क्षमता और महत्व दोनों में वृद्धि होगी।
इस उपलब्धि के प्रमुख पहलू:
- बड़ी विमान सेवाओं की शुरुआत:
- बोइंग 777-300ER जैसे बड़े विमानों की लैंडिंग से अब अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की उड़ानों की शुरुआत संभव हो सकती है।
- भोपाल से सीधे अमेरिका, यूरोप या अन्य महाद्वीपों तक कनेक्टिविटी बढ़ सकती है।
- एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार:
- एयरपोर्ट पर रनवे, फायर और अन्य सुरक्षा उपायों को अपग्रेड कर कैटेगरी-9 स्तर तक लाया गया है।
- इससे भविष्य में बड़े विमानों का संचालन सुगम होगा।
- आर्थिक और पर्यटन विकास:
- अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- भोपाल और मध्य प्रदेश में विदेशी निवेश और कॉर्पोरेट गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- सुरक्षा और तकनीकी उत्कृष्टता:
- बोइंग 777-300ER विमान अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीक से लैस है, जिसमें AIDEWS और LAICRM जैसी प्रणालियाँ शामिल हैं।
- यह विमानों को इलेक्ट्रॉनिक खतरों से बचाने में सक्षम हैं, जिससे VVIP मूवमेंट के लिए भी यह विमान उपयुक्त बनता है।
- एयरफोर्स की भूमिका:
- एयर इंडिया के इस विशेष विमान का संचालन भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया, जो भारतीय रक्षा क्षमता और विमानन विशेषज्ञता को दर्शाता है।
भोपाल एयरपोर्ट की इस उपलब्धि के बाद, उम्मीद है कि अन्य बड़े एयरलाइंस भी यहां सेवाएं शुरू करने में रुचि लेंगी। यह न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
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