Lathi charge case: हरदा | मध्यप्रदेश सरकार ने हरदा जिले में राजपूत छात्रावास में हुए पुलिस लाठीचार्ज के मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। करणी सेना और राजपूत समाज के बढ़ते विरोध और राजनीतिक दबाव के बीच सरकार ने 5 वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला लिया है।
🔥 घटना का पृष्ठभूमि
- 13 जुलाई 2025 को करणी सेना के प्रदर्शन के दौरान हरदा पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
- आरोप है कि पुलिस ने सड़कों के साथ-साथ राजपूत छात्रावास में घुसकर युवकों को पीटा।
- वीडियो फुटेज और चश्मदीदों के मुताबिक, कई निर्दोष छात्रों को भी बर्बरता से पीटा गया।
🗣️ विरोध और राजपूत समाज का आक्रोश
- करणी सेना और राजपूत संगठनों ने घटना के खिलाफ प्रदेशभर में प्रदर्शन किया।
- बीजेपी सरकार पर पक्षपात और अत्याचार के आरोप लगे।
- विरोध के चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जांच के आदेश दिए और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
✅ हटाए गए अधिकारी
सरकार ने जांच के बाद दोषी पाए गए इन 5 अधिकारियों को हरदा से हटाकर अन्यत्र अटैच कर दिया है:
पद | नाम | कार्रवाई |
---|---|---|
एडीशनल एसपी | आर. डी. प्रजापति | हरदा से हटाए गए |
एसडीएम | कुमार शानू देवडिया | स्थानांतरण |
एसडीओपी | अर्चना शर्मा | पद से हटाया गया |
टीआई (कोतवाली) | प्रहलाद सिंह मर्सकोले | आईजी ऑफिस अटैच |
ट्रैफिक प्रभारी | संदीप सुनेश | आईजी ऑफिस अटैच |
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर खुद कार्रवाई की जानकारी साझा की और कहा कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
⚖️ राजनीतिक निहितार्थ
- यह कदम स्पष्ट रूप से राजपूत समाज और करणी सेना के दबाव में लिया गया माना जा रहा है।
- राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह कार्रवाई आगामी स्थानीय चुनावों में समाज का समर्थन बनाए रखने की रणनीति भी हो सकती है।
📣 करणी सेना की प्रतिक्रिया
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा –
“सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी भी होनी चाहिए।”
साभार…
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