शराब दुकानों के लाइसेंस रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू
Liquor मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई आबकारी नीति के तहत शराब दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण और टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार टेंडर प्रक्रिया प्रदेश के 52 जिलों में ही होगी, जबकि नए जिले (मऊगंज, पांढुर्णा, मैहर) को उनके पुराने जिलों रीवा, छिंदवाड़ा और सतना में ही शामिल किया गया है।
नई आबकारी नीति की प्रमुख बातें:
कंपोजिट शराब दुकानें – अब सभी दुकानों पर देसी और विदेशी दोनों शराब उपलब्ध होगी।
इंपोर्टेड शराब (BIO) की बिक्री – देश के बाहर से आयात की गई शराब भी इन दुकानों में मिलेगी।
वाइन और हेरिटेज शराब – इनकी भी बिक्री की अनुमति दी गई है।
अहाता खोलने पर प्रतिबंध जारी – दुकान के अंदर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
ई-टेंडरिंग प्रक्रिया – शराब दुकानों के आवंटन के लिए ई-टेंडर और ई-टेंडर कम आक्शन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
फीस समय पर न देने पर सख्ती –
- 3 दिन के भीतर या 31 मार्च 2025 तक लाइसेंस फीस जमा करनी होगी।
- देरी होने पर धरोहर राशि जब्त होगी और ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
रिन्युअल और टेंडर प्रक्रिया का शेड्यूल:
रिन्युअल आवेदन प्रक्रिया:
शुरुआत – 17 फरवरी
समाप्ति – 21 फरवरी (शाम 5:30 बजे तक)
एकल आवेदकों के लिए लॉटरी आवेदन:
22 फरवरी से 27 फरवरी तक आवेदन खरीद और जमा
लॉटरी आवेदन परीक्षण व निराकरण:
27 फरवरी को जिला समिति द्वारा
ई-टेंडर प्रक्रिया:
4 मार्च से 8 मार्च तक ऑनलाइन टेंडर फॉर्म अपलोड किए जाएंगे
8 मार्च को दोपहर 12 बजे जिला मुख्यालयों में टेंडर फॉर्म खोले जाएंगे
ई-टेंडर कम आक्शन प्रक्रिया – 8 मार्च, दोपहर 2:30 से 5:30 बजे तक
फाइनल ई-टेंडर खोलने की प्रक्रिया – 8 मार्च के बाद या 9 मार्च को
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई!
समय पर फीस जमा न करने पर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
भविष्य में किसी भी ठेके में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी।
ऐसी दुकानों को फिर से टेंडर प्रोसेस में डाला जाएगा।
नई आबकारी नीति से शराब बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी, अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी और डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने समयसीमा और सख्त नियमों के साथ नई व्यवस्था लागू की है।
क्या आपको लगता है कि यह नीति अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने में मदद करेगी?
source internet… साभार….
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