Oil Painting: लंदन: महात्मा गांधी से जुड़ी एक दुर्लभ और ऐतिहासिक ऑयल पेंटिंग ने हाल ही में लंदन में आयोजित बोनहम्स की ऑनलाइन नीलामी में 152,800 पाउंड (लगभग 1.7 करोड़ रुपये) में रिकॉर्ड कीमत पर बिक्री हासिल की। यह कीमत पेंटिंग की अनुमानित लागत से तीन गुना अधिक है, जिससे इसकी सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का अद्भुत मूल्य सिद्ध होता है।
1931 की एकमात्र ‘पोट्रेट मोड’ पेंटिंग
इस अनमोल पेंटिंग को ब्रिटिश कलाकार क्लेयर लीटन ने 1931 में उस समय बनाया था, जब महात्मा गांधी दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन में थे। इसे “Portrait of Mahatma Gandhi” नाम दिया गया है। यह मानी जाती है कि यह वही एकमात्र चित्र है, जिसके लिए गांधी जी ने स्वयं ‘पोट्रेट मोड’ में बैठकर पेंटिंग बनवाने की अनुमति दी थी।
राजनीतिक पत्रकारिता से पेंटिंग तक का सफर
क्लेयर लीटन उस समय प्रसिद्ध राजनीतिक पत्रकार हेनरी नोएल के साथ रिश्ते में थीं, जो भारत की आजादी के दृढ़ समर्थक माने जाते थे। हेनरी नोएल की पहल पर ही लीटन को गांधी जी से मिलने का अवसर मिला और उसी मुलाकात में उन्होंने पेंटिंग की अनुमति मांगी, जिसे गांधी जी ने सहर्ष स्वीकार किया।
1974 में हमले का शिकार, फिर भी चमक नहीं फीकी पड़ी
लीटन के परिवार ने बताया कि वर्ष 1974 में एक सार्वजनिक प्रदर्शनी के दौरान एक एक्टिविस्ट ने इस पेंटिंग पर हमला कर दिया था। इसके बाद पेंटिंग की मरम्मत की गई, लेकिन इस घटना के कारण परिवार को यह उम्मीद नहीं थी कि यह कभी इतनी ऊंची कीमत हासिल करेगी। इसके बावजूद, पेंटिंग ने 94 वर्षों बाद अपनी ऐतिहासिक अहमियत और कलात्मक गुणवत्ता के दम पर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
इतिहास, कला और विरासत की संगम
कला समीक्षकों का मानना है कि इस पेंटिंग की असाधारण नीलामी न केवल गांधी जी के वैश्विक सम्मान को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि इतिहास और चित्रकला जब एक होते हैं, तो वे कालजयी धरोहर बन जाते हैं। लीटन द्वारा बनाए गए इस चित्र में गांधी जी की सादगी, गंभीरता और चिंतनशील मुद्रा को बेहद प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया है।
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