Petition: नई दिल्ली। 12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। यह याचिका विमानन सुरक्षा एनजीओ कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन की ओर से कैप्टन अमित सिंह (FRAeS) के नेतृत्व में दायर की गई है।
याचिका में उठाए गए आरोप
- आधिकारिक जांच नागरिकों के जीवन, समानता और सही जानकारी तक पहुंच के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
- एएआईबी की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में महत्वपूर्ण डेटा छिपाया गया है—जैसे डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) आउटपुट, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) ट्रांसक्रिप्ट और इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग (EAFR)।
- रिपोर्ट में प्रणालीगत खामियों को नज़रअंदाज़ कर जल्दबाजी में पायलट को दोषी ठहराने का प्रयास किया गया है।
कैसे हुआ हादसा
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद गति खो बैठा और एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पर चले गए, जिससे विमान अचानक ऊंचाई खो बैठा।
भारी जनहानि
- विमान में कुल 242 लोग सवार थे।
- हादसे में 241 यात्रियों व चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई।
- मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और 12 क्रू मेंबर शामिल थे।
- केवल एक यात्री विश्वाशकुमार रमेश (ब्रिटिश नागरिक) जीवित बच पाए।
याचिका में मांग
- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
- सभी तकनीकी डेटा और ब्लैक बॉक्स की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
- साभार…
Leave a comment