कांग्रेस नेताओं के दबाव के बाद बदले समीकरण ?
Political Review: बैतूल। (भाग-5) : कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत प्रदेश में नए जिला कांग्रेस अध्यक्षों के मनोनयन को लेकर आयु बंधन का मुद्दा विवाद का विषय बनता दिखाई दे रहा है। जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए 35 से 45 वर्ष की आयु बंधन पर प्रदेश कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की राय अलग-अलग दिखाई दे रही है। जिससे जिलाध्यक्ष के दावेदारों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है। बैतूल जिला भी इससे अछूता नहीं है।
45 वर्ष से कम उम्र के होंगे जिलाध्यक्ष- राष्ट्रीय प्रभारी

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया गया है। 8 जून दिन रविवार को प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस की वर्चुअल बैठक ली थी जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार सहित प्रदेश भर के लिए तय किए गए 165 पर्यवेक्षक जुड़े थे। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक इस वर्चुअल बैठक में हरीश चौधरी ने स्पष्ट कहा था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष 35 से 45 साल के होंगे। एवं जिलाध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार किया जाएगा एवं पैनल बनाने के लिए प्रयास यह होना चाहिए कि जिलाध्यक्ष के लिए 35 से 45 साल की उम्र के नेता ही पैनल में शामिल हो एवं यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थिति में पैनल में शामिल किया जा सकता है। लेकिन राहुल गांधी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो एवं सोशल मीडिया पर सक्रिय हो।
जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में उम्र कोई बाध्यता नहीं- प्रदेशाध्यक्ष

गत दिवस भोपाल में पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नए जिला कांग्रेस अध्यक्षों के मनोनयन के लिए पार्टी ने उम्र का कोई बंधन नहीं रखा है। केवल योग्यता ही पैमाना होगा। योग्य व्यक्तियों को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। दूसरी पार्टी से आने वाले नेताओं को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 3 जून को कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की शुरूवात की थी और इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने वर्चुअल मीटिंग लेकर नए जिलाध्यक्षों को लेकर आयु बंधन का क्राइटेरिया बताया था। लेकिन पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी इस आयु बंधन को सिरे से खारिज करते कहा कि यह निराधार है। श्री पटवारी ने यह भी कहा कि मीडिया में यह खबर चल रही है कि वर्चुअल मीटिंग में आयु का पैमाना बताया गया था जो कि गलत है। जो जिले में सबसे योग्य व्यक्ति निकलेगा उसे ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।
16 से 20 जून तक जिले में रहेंगे पर्यवेक्षक

राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर नए जिलाध्यक्षों के मनोनयन हेतु नए क्राईटेरिया के तहत हर जिले में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागद्रे के अनुसार बैतूल में भी 16 जून को पर्यवेक्षक आ रहे हैं जो 20 जून तक जिला मुख्यालय से लेकर सभी ब्लाकों में बैठक लेकर संगठन विस्तार की योजना पर चर्चा करेंगे। इन बैठकों में कांग्रेस के विभिन्न क्षेत्रों के नेता उपस्थित होंगे। 16 जून को दोपहर 1 बजे समन्वय समिति की बैठक एवं दोपहर 2 बजे वरिष्ठ कांग्रेसजनों, जनप्रतिनिधियों, पार्षदों, पार्षद प्रत्याशियों, पूर्व पदाधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा होगी। सायं 4 बजे मुलताई ब्लाक की बैठक होगी। 17 जून सुबह 11 बजे प्रभात पट्टन, दोपहर 2 बजे आठनेर ब्लाक एवं शाम 5 बजे भैंसदेही में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम तय है। 18 जून को सुबह भीमपुर, 2 बजे चिचोली एवं 5 बजे शाहपुर में बैठक होगी। 19 जून को 11 बजे घोड़ाडोंगरी, 2 बजे सारनी एवं शाम 5 बजे आमला बैठक होगी। 20 जून को सुबह 11 बजे बैतूल शहर और ग्रामीण कांग्रेस की बैठक होगी।
आयु बंधन को लेकर बढ़ा विवाद तो बयान से मुकरे
कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के मनोनयन को लेकर मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मध्यप्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी द्वारा पर्यवेक्षकों की ली गई वर्चुअल मीटिंग में 35 से 45 साल की आयु का क्राईटेरिया तय किया जाना बताया गया था। इस क्राईटरिया को लेकर मीडिया में बड़ी-बड़ी खबरें प्रकाशित हुई राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों का लगातार संगठन पर दबाव बढ़ता जा रहा था। और माना जा रहा है कि इसी दबाव को कम करने के लिए गत दिवस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने पत्रकारवार्ता लेकर यह बयान दिया था कि कांग्रेस में उम्र का कोई बंधन नहीं है, सिर्फ योग्य व्यक्ति ही कांगे्रस का जिलाध्यक्ष बनेगा। अब इस मामले में सांध्य दैनिक बैतूलवाणी ने आज प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी से मोबाइल पर आयु बंधन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैंने ना तो किसी मीटिंग में इस तरह का बोला और ना ही कहीं बयान दिया है। यह गलत है।
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