Relief:भोपाल: भारतीय रेलवे में सफर कर रहे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने यात्रियों के खोए या गुम हुए मोबाइल फोन की खोज को आसान बनाने के लिए दूरसंचार विभाग के साथ साझेदारी की है। इस पहल के तहत RPF अब सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल का उपयोग करेगा, जिससे गुम हुए मोबाइल फोन को ट्रैक और रिकवर किया जा सकेगा। यह साझेदारी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) में मई 2024 में शुरू की गई पायलट परियोजना की सफलता के बाद की गई है। अब यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की जा रही है, जिससे करोड़ों रेल यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
शिकायत दर्ज करना हुआ आसान
अब यात्री अपने खोए हुए मोबाइल की जानकारी रेल मदद ऐप या 139 नंबर पर कॉल करके दे सकते हैं। अगर यात्री एफआईआर दर्ज नहीं कराना चाहते, तो वे सीधे CEIR पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में RPF की जोनल साइबर सेल संबंधित डिवाइस को ट्रैक करने और ब्लॉक करने की कार्रवाई करेगी। यदि कोई मोबाइल नए सिम कार्ड के साथ दोबारा उपयोग किया जाता है, तो उसे वापसी के लिए नजदीकी RPF पोस्ट पर जमा करने का निर्देश दिया जाएगा। मोबाइल का असली मालिक वैध दस्तावेज प्रस्तुत करके अपना फोन वापस प्राप्त कर सकेगा।
अनुपालन न करने पर सख्ती
अगर कोई व्यक्ति फोन लौटाने में सहयोग नहीं करता, तो RPF एफआईआर दर्ज कर सकती है और मामले को स्थानीय पुलिस को सौंपा जा सकता है। फोन मिलने के बाद शिकायतकर्ता CEIR पोर्टल के माध्यम से फोन को अनब्लॉक कराने का अनुरोध कर सकता है।
तकनीक के सहारे सुरक्षा को नया आयाम
इस डिजिटल पहल पर RPF के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने कहा, “दूरसंचार विभाग के CEIR पोर्टल के साथ हमारी साझेदारी रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम यात्रियों को उनकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” CEIR पोर्टल की सहायता से RPF अब मोबाइल फोन के IMEI नंबर को ब्लॉक करके चोरी या गुम हुए फोन का दुरुपयोग रोक सकेगा। इससे अवैध पुनर्विक्रय और गैरकानूनी उपयोग पर रोक लगेगी।
“ऑपरेशन अमानत” में भी दिखा प्रभाव
RPF ने पहले से ही यात्रियों की खोई हुई वस्तुओं को लौटाने के लिए “ऑपरेशन अमानत” चला रखा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, RPF ने 84.03 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति बरामद कर 1.15 लाख से अधिक यात्रियों को वापस सौंपी है। अब CEIR पोर्टल के साथ इस अभियान को और मजबूती मिलेगी।
भविष्य की उम्मीदें
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की पायलट परियोजना में मिली सफलता के बाद, अब यह पहल पूरे देश में विस्तारित की जा रही है। उम्मीद है कि इससे रेल यात्रियों के मोबाइल फोन की तेजी से बरामदगी होगी और मोबाइल चोरी जैसे अपराधों में भी कमी आएगी।
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