Retired: नई दिल्ली। एशिया की पहली महिला लोको पायलट बनकर इतिहास रचने वाली सुरेखा यादव इस माह के अंत में 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगी। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यादव 1989 में भारतीय रेलवे में भर्ती हुई थीं और अगले वर्ष सहायक चालक बनीं। इसके बाद उन्होंने ट्रेन संचालन में महिलाओं के लिए एक नया अध्याय लिखा।
सतारा से लेकर एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक तक
महाराष्ट्र के सतारा जिले में जन्मीं सुरेखा यादव ने रेलवे जॉइन करने से पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। उन्होंने 1996 में पहली बार मालगाड़ी चलाई और वर्ष 2000 तक ‘मोटर वुमन’ के पद पर पदोन्नत हो गईं। इसके बाद उन्होंने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन संभालते हुए अपने करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का गौरव
यादव को 13 मार्च, 2023 को सोलापुर से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) तक पहली वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का भी गौरव प्राप्त हुआ। यह उनकी उपलब्धियों में एक और ऐतिहासिक पड़ाव रहा।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
सेवानिवृत्ति से पहले गुरुवार को सुरेखा यादव ने इगतपुरी से सीएसएमटी तक हजरत निजामुद्दीन-सीएसएमटी मार्ग पर राजधानी एक्सप्रेस का संचालन कर अपना अंतिम कार्य पूरा किया। उनका करियर महिला सशक्तिकरण और दृढ़ संकल्प का प्रेरणादायी उदाहरण माना जा रहा है।
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