Salary: भोपाल। मध्यप्रदेश के विधायकों के वेतन-भत्ते जल्द ही बढ़ सकते हैं। विधानसभा सदस्य समिति ने सरकार को 45 फीसदी इजाफे की सिफारिश की है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो विधायकों की मासिक सैलरी बढ़कर 1.60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
तीन सदस्यीय समिति लेगी अंतिम फैसला
वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदेश सरकार को भेज दिया है। इस पर अंतिम निर्णय तीन सदस्यीय समिति करेगी। समिति की अध्यक्षता वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा करेंगे। इसमें एक सदस्य सत्तापक्ष और एक सदस्य विपक्ष से लिया जाएगा। दोनों के नाम जल्द तय होंगे।
राजस्थान और गुजरात से ज्यादा वेतन
वर्तमान में मध्यप्रदेश के विधायकों को 30,000 रुपये बेसिक वेतन मिलता है। इसके अलावा निर्वाचन भत्ता (35,000), टेलीफोन खर्च (10,000), चिकित्सा भत्ता (10,000), अर्दली और निज सचिव भत्ता (15,000) तथा किताबें-पत्रिकाओं के लिए 10,000 रुपये मिलते हैं। कुल मिलाकर एक विधायक की सैलरी 1.10 लाख रुपये है।
45% वृद्धि के बाद यह 1.60 लाख रुपये हो जाएगी, जो राजस्थान और गुजरात के विधायकों के वेतन से अधिक होगी।
विधानसभा पर बढ़ेगा खर्च
प्रदेश में कुल 230 विधायक हैं, जिनमें से 31 मंत्री हैं। मंत्रियों का वेतन सामान्य प्रशासन विभाग देता है, जबकि बाकी 199 विधायकों की सैलरी विधानसभा के बजट से दी जाती है। वर्तमान में इस मद में हर महीने 2.18 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। सैलरी वृद्धि के बाद विधानसभा पर 99 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
विधानसभा अध्यक्ष को अभी 1.87 लाख रुपये वेतन मिलता है, जबकि मुख्यमंत्री को 2 लाख, कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख और राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है।
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