Search continues: उमरिया। अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक फैले श्रीराम वन गमन पथ के शोधकर्ता डॉ. रामअवतार शर्मा मध्य प्रदेश में तीन ऐसे स्थलों की खोज कर रहे हैं, जहाँ भगवान श्रीराम वनवास के दौरान रुके थे। डॉ. शर्मा अब तक वन गमन पथ पर 290 स्थलों की पहचान कर चुके हैं।
उमरिया में कहेंदुआ पहाड़
उमरिया जिले में उन्हें कहेंदुआ पहाड़ की तलाश है। यह पहाड़ महानदी के किनारे तैमूर पहाड़ से 15-20 किमी दक्षिण में स्थित है और मार्कंडेय आश्रम के पास बताया जा रहा है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, श्रीराम ने वनवास के दौरान इस पहाड़ पर कहेंदुआ राक्षस का वध किया था।
अनूपपुर और सीधी-सिंगरौली में अन्य स्थल
डॉ. शर्मा ने बताया कि अनूपपुर-डिंडौरी के बीच रूसा गांव में भी श्रीराम रुके थे, और यहाँ के एक स्थल की भी उन्हें तलाश है। इसके अलावा सीधी-सिंगरौली जिले के माड़ा और बैढ़न के पास का तीर्थमय पहाड़ भी उनके शोध में शामिल है। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों को अभी तक खोजा नहीं गया, वे शोध और स्थानीय जानकारी से समझे जाने योग्य हैं।
शोधकर्ता का परिचय
डॉ. रामअवतार शर्मा पिछले 48 वर्षों से श्रीराम वन गमन पथ पर शोध कर रहे हैं। उन्हें भारत सरकार ने मान्यता दी है। वे रामायण परिपथ, भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली के अध्यक्ष और श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के प्रबंध न्यासी भी हैं। इसके अलावा उन्होंने दुनिया के कई देशों में श्रीराम की यात्राओं पर शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।
अयोध्या में संग्रहालय का निर्माण
डॉ. शर्मा ने बताया कि श्रीराम वन गमन पथ पर आधारित संग्रहालय का निर्माण अयोध्या में किया जाएगा। संग्रहालय में वन गमन पथ को पूरी तरह सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत सौ करोड़ रुपये है और आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
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