Smuggling: मुंबई/चेन्नई/कोलकाता: अबू धाबी से मुंबई, फिर कोलकाता और चेन्नई—यह कोई हॉलिवुड थ्रिलर नहीं, बल्कि भारत के सबसे चौंकाने वाले सोना तस्करी कांड की असली कहानी है। एक शातिर तस्कर ने फर्जी आधार कार्ड, प्लेन की लाइव ट्रैकिंग, और सीट नंबर की ट्रिक के ज़रिए ऐसा प्लान बनाया कि जांच एजेंसियां भी हैरान रह गईं।
✈️ कैसे रचा गया ‘फ्लाइंग गोल्ड’ प्लान?
🪙 12 जून:
- अबू धाबी से मुंबई आया एक तस्कर।
- पेस्ट फॉर्म में 1.13 किलो सोना लाया और अपनी फ्लाइट की सीट के नीचे छिपा दिया।
- खुद बिना सोना उठाए एयरपोर्ट से बाहर निकल गया, ताकि पूछताछ न हो।
📍 13-14 जून:
- तस्कर ने विमान के यूनिक नंबर को ऑनलाइन ट्रैक किया।
- पता चला कि वही विमान अब कोलकाता से चेन्नई जा रहा है।
- उसने उसी फ्लाइट में कोलकाता से टिकट बुक कराया और फिर उसी सीट पर बैठा।
✋ 14 जून – चेन्नई में पकड़ाया
- जब फ्लाइट चेन्नई पहुंची, वह सीट के नीचे से सोना निकाल रहा था।
- एयरपोर्ट अधिकारियों ने तुरंत हिरासत में लिया।
- पकड़े जाने के वक्त उसके पास:
- 1.13 किलो पेस्ट गोल्ड
- 898 ग्राम अलग से तस्करी किया गया सोना
- 2 फर्जी आधार कार्ड
- कुल ज़ब्ती: 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना
🔍 जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
- आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और नकली नाम से टिकट बुक कराया था।
- प्लेन में छिपाया सोना 48 घंटे तक विमान में उड़ता रहा, किसी को भनक तक नहीं लगी।
- वह सीट नंबर, फ्लाइट शेड्यूल और यूनिक ID की मदद से सोने तक दोबारा पहुंचा।
- उसका असली गंतव्य चेन्नई था, लेकिन सुरक्षा से बचने के लिए वह पूरे देश का चक्कर लगाता रहा।
📡 तकनीक का दुरुपयोग:
“यह केस दिखाता है कि कैसे ओपन-सोर्स ट्रैकिंग टूल्स का गलत इस्तेमाल कर तस्कर विमान और सीट की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं।” – एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी
🛃 सुरक्षा एजेंसियों में हलचल
- DGCA और कस्टम विभाग ने सभी एयरलाइनों को सीट वेरिफिकेशन और क्लीनिंग प्रोटोकॉल सख्त करने के निर्देश दिए हैं।
- फर्जी आईडी और लावारिस बैग चेकिंग के नए सर्कुलर जल्द जारी होंगे।
- साभार…
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